महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर एनएसयूआई ने वीडियो से बताया गांधी दर्शन
30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथी के मौके पर एनसएयूआई ने देश भर के लगभग 2 राज्यों के अलग-अलग शिक्षण संस्थानों में छात्रों के बीच जाकर एक ऐसा वीडीयो दिखाया जिसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़े मुद्दों के साथ ही वर्तमान फ़ासिस्ट सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानो पर हो रहे हमले को क्रम से दिखाया गया है।
मोदी सरकार ने कैसे एफटीआईआई पुणे, आईआईटी मद्रास, जेनएयू, बीचएयू तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थानो के स्वायत्तता और वहाँ के छात्रों एवं शिक्षकों के अभिव्यक्ति पर हमला किया, जिसे पूरा देश जनता है।देश भर के शिक्षण संस्थानो पर आरएसएस के विचारधारा को मनाने वाले लोगों को नियुक्तिया मनमाने ढंग से किया जा रहा है और वो लोग इन परिसरों का भगवाकरण करने पर उतारू है।
पिछले एक वर्ष में जिस तरह से हैदराबाद यूनिवर्सिटी के शोध छात्र रोहित वेमुला को आत्महत्या करने के लियें विवश किया गया उसके बाद देश की प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जेएनयू से प्रतिभावान छात्र नज़ीब का लापता हो जाना।क्या यह इस देश की सरकार की मानसिकता को नहीं दर्शाता है?
इसी प्रकार के मुद्दे को लेकर आज राष्ट्रपिता के पुण्य तिथि पर एनएसयूआई के द्वारा देश भर के 22 राज्यों के अलग-अलग शिक्षण संस्थानो में आज एक फ़िल्म दिखाई गई।जिसने छात्रों को वर्तमान फ़ासिस्ट सरकार से गांधीवादी तरीक़े से लड़ते हुये दिखाया गया है। एनएसयूआई की राष्ट्रीय अध्यक्ष अमृता धवन ने कहा कि आज पुरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के पुण्य तिथि पर उनको याद कर रहा है।
महात्मा गांधी ने ही हमारे देश को स्वतंत्रता दिलाने में विशेष संघर्ष किया था। गांधी जी सिद्धांत सत्य और अहिंसा का रहा है और उन्होंने इसी सिद्धांत पर कार्य करते हुये देश की एकता और अखंडता को बनाया रखने में कामयाब भी रहे थे।लेकिन आज देश का हालात फ़ासिस्ट विचारधारा के लोगों ने ख़राब करने की ज़िम्मेदारी ले ली है।
इसी प्रकार के विभाजनकारी शक्तियों के ख़लिफ़ हम लोगों को अपना संघर्ष गांधी जी आदर्शो के साथ क़ायम रखना है। भाजपा जब भी सत्ता में आती है तो आरएसएस कही ना कही से देश भर के शिक्षण संस्थानो और शिक्षा व्यवस्था पर हमला करना शुरू कर देती है। लेकिन गांधी जी सपनो के भारत को हम ज़िन्दा रखेंगे और उनके विचारों को आगे बढ़ाते हुये समतामूलक समाज के स्थापना के लिये संघर्ष करेंगे। इसी सोच के साथ आज हम लोगों ने देश भर के अलग-अलग शिक्षण संस्थानो में डॉक्युमेंटरी फ़िल्म को दिखाने का आयोजन किया गया था।
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