दो बीवियों के साथ ऐसे रहेगा पति, हुआ अजीबो-गरीब फैसला
बिहार की राजधानी पटना के एक पुलिस थाने में ऐसा मामला आया जिसे सुलझाने में पुलिस के भी पसीने छूटने लगे थे। काफी देर की मशक्कत और 12 घंटे चले हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद मामले को शांत कराया गया और एक अजीबोगरीब फैसला हुआ, जिसमें पति को 3 दिन पहली पत्नी के साथ और अगले 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहने की बात पर रजामंदी हुई। और तो और पति के द्वारा अपनी एक मांग रखी गई वे यह कि 1 दिन छुट्टी का भी मुकर्रर हो, जिस पर उसे रविवार को छुट्टी रखने का फैसला सुनाया गया, अर्थात वह रविवार को दोनों पत्नियों में से किसी के पास भी जाने को बाध्य नहीं होगा।
यह है इस महायुद्ध का पूरा सार
मामला पटना के फुलवारीशरीफ थाने का है, जहां 2 महिला 1 आदमी को अपना पति बता रही थी और बराबर की हिस्सेदारी की मांग करते हुए थाने पहुंची थी। पहली पत्नी का कहना था कि पति हमारे साथ नहीं रहते तो दूसरी पति से संपत्ति की मांग कर रही थी। उस शख्स से पहली पत्नी को 3 बच्चे भी हैं। बात-बात पर दोनों थाने में ही महायुद्ध करना शुरु कर देती हैं। थाने में बंद उन दोनों महिलाओं का पति उचित न्याय की गुहार लगा रहा था। तीनों पति-पत्नियों के बीच चल रहे महायुद्ध का लगभग 12 घंटे बाद पटाक्षेप करते हुए पुलिस ने किसी तरह तीनों को समझा-बुझा कर मामले को शांत किया।
दूसरी से प्यार हुआ और कर ली शादी
उपलब्ध जानकारी के मुताबिक पटना के फुलवारीशरीफ इलाके के अरुण कुमार ने पहली पत्नी के होते हुए भी दूसरी शादी कर ली थी, जब इस बात की जानकारी पहली पत्नी को हुई तो वह इसका विरोध करने लगी थी। इसी को लेकर इन दोनों में हमेशा विवाद चलता रहता था। पहली पत्नी का आरोप था कि उसकी शादी परिवार वालों की मर्जी से 1996 में हुई थी, शादी के बाद उनके 3 बच्चे भी हुए। इसी बीच अरुण को इस दूसरी महिला से प्यार हो गया और उसने उसके साथ शादी कर ली थी।
संडे पति अपनी मर्जी से कहीं भी है रह सकता
शादी के बाद जहां पहली पत्नी को घर में रखता था तो दूसरी को किराए के मकान में। रोजाना बहाना बनाकर अपने घर से दूसरे वाले घर मिलने के लिए जाता था। कभी पहली पत्नी को बहाना बनाकर कुछ कहता तो कभी दूसरी को कुछ। धीरे-धीरे इन दोनों पत्नियों को अरुण पर शक होने लगा। फिर दोनों के सामने सच्चाई आई, जिसके बाद दोनों पत्नी अपना हक लेने के लिए थाने पहुंची और हंगामा करने लगी। इस हंगामें को सुलझाने में पुलिस दिनभर लगी रही। जिसके बाद हफ्ते में 3 दिन पहली पत्नी के साथ तो 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहने की बात आई, जिसे दोनों पत्नियों ने खुशी-खुशी मान लिया। वहीं 1 दिन संडे को पति को छुट्टी दी गई, जिसमें पति अपनी मर्जी से कहीं भी रह सकता है।
- - Advertisement - -