सरकार और विपक्ष संसद में आमने-सामने
सोमवार से संसद बजट-सत्र का दूसरा भाग शुरू हो गया है। काफी पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि पहले ही दिन विपक्ष सरकार को निशाना बनाएंगी और वैसा ही हो रहा है। पहले ही दिन राज्यसभा में विपक्ष ने उत्तराखंड मुद्दे पर सरकार को निशाना बनाया। कांग्रेस के गुलाम नबी आज़ाद और आनंद शर्मा ने ज़ोर देकर कहा कि सबसे पहले राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन के मुद्दे पर चर्चा की जाए। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और मुख़्तार अब्बास नक़वी ने साफ किया कि मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए उत्तराखंड को लेकर किसी भी तरह की चर्चा इस वक्त उचित नहीं रहेगी। हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
सबसे पहले उत्तराखंड मुद्दे की मांग
कांग्रेस ने इस बजट सत्र में सबसे पहले उत्तराखंड के मुद्दे को सुलझाने की मांग की हैं। दोनो सदनों में उत्तराखंड में लगे राष्ट्रपति शासन पर चर्चा की जाएं। कांग्रेस नेता आज़ाद ने कहा ’हमने देखा है किस तरह चुनी हुई सरकार को अरुणाचल प्रदेश में भी गिरा दिया गया। यह सरकार जानबूझकर विपक्ष को उकसाने का काम कर रही है।’ इससे पहले संसद में आने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई थी कि दोनों सदनों की कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी। पीएम ने कहा था ’हमें उम्मीद है कि संसद को चलाने और सही फैसले लेने में विपक्ष हमारी मदद करेगा।’
15 दिन का बजट सत्र
गौरतलब है कि उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन ख़त्म करने के हाईकोर्ट के फ़ैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने 27 तारीख़ तक रोक लगा रखी है। सरकार की दलील है कि यह मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए इस पर अभी संसद में चर्चा नहीं हो सकती। इसके पहले कल लोकसभा अध्यक्ष ने संसद सत्र को ठीक से चलाने के लिए एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के कुछ ख़ास नेताओं के साथ रणनीतिक बैठक कर पार्टी को उत्तराखंड के मुद्दे पर आक्रामक रुख़ इख्तियार कर सरकार को घेरने की सलाह दी थी। कांग्रेस काम रोको प्रस्ताव भी दे रही है। बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 15 दिनों का है।
इन पंद्रह दिनों में सरकार को जीएसटी समेद कई बिलों को पास करवाना है और इस काम में उन्हें विपक्ष की मदद चाहिए। खासतौर पर राज्यसभा में जहां सरकार अल्पमत में है। जीएसटी बिल को लोकसभा में पास कर दिया गया लेकिन राज्यसभा में विपक्ष ने बिल को अटका दिया है जिस वजह से सरकार अभी तक के सबसे बड़े कर सुधार कार्यक्रम को लागू नहीं कर पा रही है। 23 फरवरी को शुरू हुआ बजट सत्र 13 मई को खत्म होगा। इस बीच 16 मार्च को सदन ने एक महीने से ज्यादा का ब्रेक लिया था और अब बचे हुए दिनों में सरकार को कई अधूरे काम निपटाने हैं।
|