11. विशालकाय हाथी
रामायण के सुंदर कांड अध्याय में लिखा है कि लंका की रखवाली एक विशालकाय हाथी करता था। जिन्हें हनुमान जी ने अपने एक प्रहार से धराशाही किया था। पुरातत्व विभाग को श्रीलंका में ऐसे ही हाथियों के अवशेष मिले हैं जिनका आकार आज के हाथियों से बहुत ज्यादा था।
12. कोंडा कट्टू गाला
हनुमान जी के लंका जलाने के बाद रावण भयभीत हो गया था। उसे यह भय सताने लगा था कि हनुमान जी फिर से हमला न कर दें। रावण ने सीता जी को अशोक वाटिका से हटा कर कोंडा कट्टू गाला में रखा था। पुरातत्व विभाग को यहां कई ऐसी गुफाएं मिली हैं जो रावण के महल तक जाती थीं।
13. रावण का महल
रामायण मे वर्णन है की रावण सोने की लंका में रहता था जिसे हनुमान जी ने जलाया था। पुरातत्व विभाग को श्रीलंका में एक महल मिला है जिसे रामायण काल का ही बताया जाता है।
14. कालानियां
राम द्वारा रावण का वध करने के पश्चात विभीषण को लंका का राजा बनाया गया था। विभीषण ने अपना महल कालानियां में बनाया था। यह कैलानी नदी के किनारे स्थित था। नदी के किनारे पुरातत्व विभाग को उस महल के अवशेष मिले हैं।
15. लंका के अवशेष
रामायण में लंका दहन का वर्णन है। हनुमान जी ने पूरी लंका मे अपनी पूंछ से आग लगा दी थी। जिसके प्रमाण उस जगह से मिलते हैं। जलने के बाद उस जगह की मिट्टी काली हो गई है।
16. दिवूरमपोला
रावण से सीता को बचाने के बाद भगवान राम ने उन्हें अपनी पवित्रता साबित करने को कहा था। पवित्रता प्रमाणित करने के लिए सीता जी ने अग्नि परीक्षा दी थी। आज भी उस जगह पर वो पेड़ मौजूद है जिसके नीचे सीता जी ने अग्नि परीक्षा दी थी।
17. रामलिंगम
रावण को मारने के बाद भगवान राम पर ब्रम्ह हत्या का पाप चढ़ा था। ब्रम्ह हत्या के पाप को उतारने के लिए उन्होंने भगवान शिव की आराधना की थी। भगवान शिव ने उन्हें चार शिवलिंग बनाने के लिए कहा। एक शिवलिंग सीता जी ने बनाया जो रेत का था। दो शिवलिंग हनुमान जी कैलाश से लेकर आए थे। एक शिवलिंग भगवान राम ने अपने हाथ से बनाया था जो आज भी उस मंदिर में हैं।
18. जानकी मंदिर
नेपाल के जनकपुर शहर में जानकी मंदिर है। रामायण मे सीता माता के पिता का नाम जनक था। उन्हीं के नाम पर इस शहर का नाम जनकपुर रखा गया था। सीता माता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है। उन्हीं के नाम पर इस मंदिर का नाम जानकी मंदिर है।
19. पंचवटी
नासिक के पास आज भी पंचवटी तपोवन है। अयोध्या से वनवास काटने के लिए निकले भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण यहीं रुके थे। यहीं लक्ष्मण ने सूर्पणखा की नाक काटी थी।
20. कोणेश्वरम मंदिर
रावण भगवान शिव का परम भक्त था। भगवान शिव के इस मंदिर की स्थापना रावण ने करवाई थी। यह दुनिया का इकलौता मंदिर है जहां भगवान से अधिक रावण की आकृति बनी हुई है। इस मंदिर में बनी एक आकृति में रावण के दस सिरों को दिखाया गया है।
21. गर्म पानी के कुएं
कोणेश्वरम मंदिर के निर्माण के दौरान रावण ने वहां गर्म पानी के कुंड भी बनवाए थे। मंदिर मे आज भी गर्म पानी के वो कुंड मौजूद हैं जो राम रावण और रामायण की अमर गाथा को सत्य प्रमाणित करते हैं।
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