जानिए क्यों पिघलती है चंद्रमा की सतह
अक्सर आपने फ़िल्मों और टीवी सीरियल्स में देखा होगा कि हीरो अपनी हीरोइन की तारीफ़ करने के लिए चांद का उदाहरण देता है। फ़िल्मों में क्या अक्सर आम जीवन में भी कही न कही हम यह तुलना करते ही है। ‘चांद तुम्हारे आगे फीका है।’ वैसे बोलते समय तो आपने कभी ग़ौर नहीं किया होगा लेकिन क्या आपका पता है कि, चांद वाकई फीका हो सकता है। दरअसल, हाल ही में नासा के अध्ययन में एक रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में नासा ने चंद्रमा की सतह पिघलने के कारणों का जिक्र किया है।
अपनी रिपोर्ट में नासा की ओर से बताया गया है कि सौर तूफान चंद्रमा के ध्रुवों के पास ठंडे और स्थायी तौर पर छाया वाले क्षेत्रों की सतह को उष्मा प्रदान कर सकते हैं। इन तूफानों में इतनी ताकत होती है कि एक समय पर इनमें से चिंगारियां भी निकल सकती है। नासा की रिपोर्ट के मुताबिक, ये चिंगारियां इतनी मजबूत होती है कि यह चंद्रमा की सतही मिट्टी को भी पिघला या वाष्पीकृत कर सकती है।
इस मसले पर बात करते हुए अमेरिका यूनीवर्सिटी ऑफ़ न्यू हैंपशायर के एंड्रयू जॉर्डन ने बताया कि, चंद्रमा की सतह का तकरीबन 10 प्रतिशत हिस्सा उल्कापिंडों के प्रभाव से पिघल चुका है। जार्डन ने आगे कहा कि, नासा के अध्ययन के दौरान पता चला कि चंद्रमा के स्थायी रूप से छाया वाले क्षेत्रों में सौर तूफानों की चिंगारियां भी इतनी ही सतह को पिघला या वाष्पीकृत कर सकती हैं।
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