खुशखबरी ! अब महिलाओं को मिलेगी साढ़े छह महीने की मेटरनिटी लीव, कैबिनेट ने दी मंजूरी
केंद्र सरकार ने मातृत्व लाभ अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी है। जिससे अब वर्किंग वूमेन को 26 सप्ताह की मैटरनिटी लीव मिल सकेगी। कैबिनेट ने मातृत्व लाभ अधिनियम में पूर्व में किए गए संशोधन को बुधवार को मंजूरी दे दी। जिसका उद्देश्य महिलाओं की मेटरनिटी लीव को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह तक करना है।
कैबिनेट ने इसके साथ ही कारखाना अधिनियम में संशोधनों को भी मंजूरी दे दी है। जिसे संसद में चल रहे मानसूत्र सत्र में पहले ही पेश कर दिया गया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली केन्द्रीय कैबिनेट ने मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 में संसद में मातृत्व लाभ विधेयक 2016 पेश करके किए जाने वाले संशोधनों को पिछली तिथि से मंजूरी दे दी है। मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 महिलाओं को उनकी प्रेग्नेंसी के समय रोजगार का संरक्षण करता है और वह उसे उसके बच्चे की देखभाल के लिए काम से अनुपस्थित के लिए पूरे भुगतान का हकदार बनाता है। ये दस या इससे ज्यादा कर्मचारियों को काम पर रखने वाले सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होगा।
बयान के अनुसार इन संशोधनों में दो जीवित बच्वों के लिए मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह करना और दो बच्चों से ज्यादा के लिए 12 सप्ताह, कमीशनिंग मां और गोद लेने वाली मां के लिए 12 सप्ताह का अवकाश और पचास से ज्यादा कर्मचारियो वाले संस्थान के लिए क्रेच का प्रावधान शामिल है। ये फायदा केवल उन्हीं संस्था में काम करने वाली महिला को मिलेगा , जिनमें कर्मचारियों की तादाद दस से ज्यादा है। बच्चों के गोद लेने वाली मां को 12 सप्ताह की मेटरनिटी लीव दी जाएगी। सरकार के इस फैसले से संगठित क्षेत्र में काम करने वाली देश की लगभग 18 लाख महिलाओं को फायदा होगा।