पीएम मोदी ने आठ नंवबर की रात को देश में अचानक से नोटबंदी करके एक क्रांति ला दी थी। वहीं नोटबंदी के साथ 2000 का नोट भी सामने आया था। जिसे लेकर आरबीआई ने कहा था कि इसके सिक्योरिटी फीचर्स को कॉपी करना बेहद मुश्किल है या यूं कहे कि नामुमकिन है। खैर जो भी हो इन दिनों मार्केट में नकली नोटों की धूम है। ये वहीं नकली नोट है जिनके सिक्योरिटी फीचर्स की बात आरबीआई ने की थी।
चिल्ड्रन बैंक ऑफ इंडिया के नोट
अभी कुछ ही दिनों पहले की बात है नई दिल्ली के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एक एटीएम में ‘चिल्ड्रन बैंक ऑफ इंडिया’ के नोट निकले थे। ये नोट 2000 रूपए के थे। ख़ास बात ये है कि ये वही नोट है जिन्हें आप बचपन में एक रूपए के चार खरीदा करते थे। इस तरह की घटना होना बड़ी अजीब बात है।
फिर निकला एटएीम से बच्चो का नोट
ये तो ठीक था कि एक एटीएम में ऐसा हो सकता है लेकिन शनिवार को एक दूसरे एटीएम में भी इस तरह के नोट निकले है। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक ख़बर के मुताबिक रोहतक के मेहाम में भी ‘चिल्ड्रन बैंक ऑफ इंडिया’ लिखा हुआ 2000 रूपए का नोट निकला है। इस बार ये नोट एसबीआई की बैंक से नहीं बल्कि आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम से निकला है।
कॉन्स्टेबल हुए शिकार
इन नकली नोटों का शिकार हुए हरियाणा पुलिस के कॉन्स्टेबल राज कुमार ने अधिकारियों को बताया कि 23 फरवरी को क्रांति चौक से 6000 रूपए निकले। जब नोट एटीएम से बाहर आए और उन्होंने नोट को देखा तो उनके होश उड़ गए। उनकी बैंक का पैसा ‘मनोरंजन बैंक ऑफ इंडिया’ के नोट में बदल चुका था।
कॉन्स्टेबल कुमार ने बताया कि नोटबंदी के बाद उन्होंने बताय कि ‘मैंने नोटबंदी के बाद पहली बार एटीएम का उपयोग किया था। मुझे 5500 रूपए निकालना थे लेकिन गार्ड ने बताया कि सिर्फ 2000 के नोट ही एटीएम में मौजूद है। तो मैने 6000 रूपए डिस्पैच किए। जब नोट बाहर आए तो पता चला कि वो तो नकली थे।
कुमार एक कबड्डी प्लेयर है और स्पोर्ट्स कोटा के कारण उनकी नौकरी हरियाणा पुलिस में लगी थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत की है और एक साधारण शिकायत दर्ज हुई है। बैंक की छुट्टी होने के कारण अभी बैंक के अधिकारियों से कोई बात नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि पहले तो उन्हें वो नोट असली ही लगे लेकिन जब उन्होंने गौर से परीक्षण किया तो पाया कि नोट तो बच्चो के खेलने का है।
सीमा पार से आ रहे नकली नोट
हाल ही में नकली नोटों को लेकर सुरक्षा एजेंसियों को भी जानकारी मिली है कि बड़ी मात्रा में पड़ोसी देशों में नकली नोट तैयार किए जा रहे है। सीमा पार से बड़ी मात्रा में नकली नोट छापकर देश में भेजने की साजिश की जा रही है। 2000 के नकली नोटों को 1000 में बेचने की कोशिश की जा रही है।
जानकारी मिलने के बाद सभी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक बंगाल-बांग्लादेश बॉर्डर सीमा पार से नकली नोट लाने का बड़ा ठिकाना बताया जा रहा है। नोटबंदी के पहले और बाद में भी यहां भारतीय करंसी के नकली नोटों की बड़ी खेप पकड़ी जा चुकी है। 15 फरवरी को बीएसएफ ने बांग्लादेश बॉर्डर पोस्ट के करीब सवर्च ऑपरेशन में नकली नोटों की बड़ी खेप पकड़ी थी।
बच्चो का बैंक बना समस्या
जिस कालेधन को सरकार घरों और तिजोरियों से बाहर निकालने की बात कर रही थी आज उसकी जगह दूसरी समस्या जन्म ले चुकी है। आज नकली नोट नामक ये समस्या आम आदमी और सरकार के सिर पर तांडव कर रही है। बात अगर चिल्ड्रन बैंक के नोट की ही करें तो ये मार्केट में काफी आसानी से उपलब्ध है।
आज आप अपने आसपास ही देखिए बच्चों के पास इन नोटों की गड्डियां है तो ऐसे में इन नोट की उपलब्धता पर सवाल उठाना बेकार है। सवाल यहां पर ये है कि बैंकों की इतनी टाइट सिक्योरिटी के बाद भी एटीएम में बच्चों के नोट पहुंच कैसे रहे है। यहां सवाल के घेरे में बैंक से लेकर एटीएम तक जितने भी लोग है सभी आते है।
बैंकों को इसकी जांच कराकर जल्द ही सख्त कार्यवाही करना चाहिए ताकि आम जनता इसके दुष्परिणाम न झेले। भारत में आज भी ऐसे लोग है जो 6000 रूपए महीना ही कमाते है अगर उनके एटीएम से भी ये नोट निकलेंगे तो वो कैसे इसके खामियाजा भुगतेंगे। भारत में हो रही इस समस्या को लेकर बैंकों को काफी गंभीर रूप से सोचना चाहिए साथ ही नकली नोटों पर भी लगाम लगाने के कदम उठाए जाने चाहिए।