भारत में और आमतौर पर हिंदू धर्म में गाय को मां माना जाता है। पुराणों में और शास्त्रों में ऐसा लिखा है कि गौमाता के अंदर 36 करोड़ देवता निवास करते हैं और गौमाता ही है जो ज़िन्दगी की आखिरी नैया को पार लगाती है। गाय का हर तत्व हमारे भले में ही उपयोग होता है और जब भी गाय को काटने की या ऐसी कुछ ख़बरें आती है तो लोगों का खून खौलने लगता है।
इस मुद्दे पर आम जनता तो अपनी जगह लेकिन नेता भी खुलकर अपना बयान देने से नहीं चूकते। यूपी में योगी आदित्यनाथ ने सीएम बनते ही अवैध बूचड़खाने बंद कराए थे लेकिन अब केरल में कांग्रेस की युवा इकाई के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा सरेआम गोहत्या के मामले में ने एक बार फिर बवाल मचा दिया है।
सियासी बवाल के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सज्जनसिंह वर्मा ने गोहत्या मामले के दोषियों का मुंह काला कर उन्हें सरेआम 25 जूते मारने वाले व्यक्ति को एक लाख रपये का इनाम देने की घोषणा की है। वर्मा ने कल रात ट्वीट किया, ‘‘केरल में हुई गोहत्या निंदनीय। दोषी नेता और उसके साथियों को सरेआम 25 जूते मारने और उनका मुंह काला करने वाले को मेरी ओर से एक लाख रूपये का नकद इनाम।’’
उन्होंने आज ‘पीटीआई.भाषा’ से कहा, ‘‘मैं अपने इस बयान पर अब भी कायम हूं। केरल में सरेआम गोहत्या से देश की कौमी एकता के सामने खतरा पैदा हो गया है। अपने निहित स्वार्थों के लिये ऐसा खतरा पैदा करने वाले व्यक्तियों को कतई बख्शा नहीं जाना चाहिये, भले ही वे किसी भी दल से जुड़े हों।’’ पूर्व लोकसभा सांसद तब भी चर्चा में आये थे, जब उन्होंने गाय को ‘राष्ट्रीय पशु धन’ घोषित करने के लिये मध्यप्रदेश में करीब तीन महीने पहले हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत की थी।
वर्मा ने कहा, ‘‘गोरक्षा के लिये चलाये जा रहे इस हस्ताक्षर अभियान को कुछ भाजपा नेताओं ने भी अपना समर्थन दिया है। गोमाता को राष्ट्रीय पशु धन घोषित करने की मांग को लेकर मैं राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र भी लिख चुका हूं।’’ उधर, भाजपा का दावा है कि राष्ट्रीय कांग्रेस सचिव ने सस्ती लोकप्रियता पाने के लिये केरल के गोवध मामले में ट्वीट किया है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता उमेश शर्मा ने कहा, ‘‘वर्मा सस्ती लोकप्रियता के लिये अक्सर इस तरह के बयान देते रहते हैं। केरल के गोवध मामले में उनके ट्वीट को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिये।’’