‘मिस्टर इंडिया’ के ‘काटे नहीं कटते ये दिन ये रात…’ गाने में श्री देवी ने अपने डांस और अदाओं से दर्शकों को दीवाना बना दिया था। इस गानें के बोल और बारिश में भीगते हुए डांस करती श्रीदेवी की वजह से यह गाना इतना मशहूर हुआ कि आज भी लोगों की जुबान पर रहता है। ऐसे ही चांदनी ‘फ़िल्म’ का ‘लगी आज सावन…’, और ‘चालबाज़’ का ‘ना जाने कहां से आई है…’ में भी श्रीदेवी ने बारिश में भीगते हुए डांस किया था।
श्रीदेवी के ये गाने सभी को बहुत पसंद आते हैं और उस दौर के दर्शक तो आज भी इन गानों के पीछे पागल हैं। लेकिन खुद श्रीदेवी के लिए ये सभी गाने बहुत ही पेनफुल और हेक्टिक हुआ करते थे। अपनी आने वाली फिल्म ‘मॉम’ में एक शक्तिशाली महिला का किरदार निभा रही श्री देवी ने अपनी फिल्म के प्रोमोसन के चलते एक मीडिया वेबसाइट को दिए इन्टरव्यू में खुद ये कहा है कि इन गानों को करते वक्त उन्हें कितनी परेशानियों का सामना करता पड़ता था। उन्होंने कहा की “मेरे लिए बरसात के गाने यातना जैसे हैं। मैं उनका कतई आनंद नहीं ले सकती क्यूंकि उन गानों को फ़िल्माते वक़्त भीगने से मैं बीमार हो जाती थी।”
श्रीदेवी को उनके समय की फिल्म इंडस्ट्री पसंद नहीं है उन्हें आज की फिल्म इंडस्ट्री ज्यादा पसंद है। क्योंकि आज की सभी हिरोइन्स के लिए बहुत सी सुविधाएं उपलब्ध हैं और फिल्म या गाने की शूटिंग करते वक्त वो इन सुविधाओं का आराम से इस्तेमाल कर सकतीं हैं और कोई परेशानी नहीं होती। और इन सुविधाओं में सबसे अहम् है वैनिटी वैन। श्रीदेवी कहती हैं कि “आज वैनिटी वैन एक वरदान है, हमें तो उस समय कपडे बदलने के लिए, पेड़ों/ झाड़ियों के पीछे या बस के पीछे की जगह का सहारा लेना पड़ता था। और टॉयलेट की भी व्यवस्था नहीं होती थी और इस वजह से वो दिन दिन भर पानी पीना अवॉयड करती थीं।”
यहाँ हम एक जानकारी और दे देतें हैं कि जिस वैनिटी वैन को श्रीदेवी वरदान मानती हैं उसकी सबसे पहले शुरुआत पूनम ढिल्लन, जो अपने दौर की मशहूर अदाकारा थी उन्होंने की थी। अभिनेत्रियों का पेड़ों/ झाड़ियों के पीछे या बस के पीछे कपडे बदलने या फिर शूटिंग का इंतज़ार करते हुए भी धूप या बारिश में बैठना उन्हें अच्छा नहीं लगता था और फिर उन्होंने इस परेशानी का हल वैनिटी वैन के रूप में निकाला था। ऐसा कह सकते हैं कि “नूरी” ने सभी हिरोइन्स का नूर बचा लिया वैनिटी वैन का कांसेप्ट ला कर।