दक्षिण भारत की चर्चित पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में अभी तक पुलिस आरोपियों को पकड़ने में नाकामयाब रही है . इतना ही नहीं जांच में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है. उधर, कर्नाटक के गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने भी कहा कि अब तक इस मामले में कोई खुलासा नहीं हुआ है.
वही संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों के एक समूह ने कर्नाटक के बेंगलुरु में हाल में मारी गई पत्रकार और मानवाधिकार संरक्षक गौरी लंकेश की हत्या के बाद भारत से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाये रखने के लिए एक सुरक्षित माहौल कायम करने की अपील की है. साथ ही कहा गया है कि “ भारत सरकार को गौरी लंकेश की हत्या की निंदा करनी चाहिए, हत्या की जांच करानी चाहिए और मास्टरमाइंड समेत तमाम दोषियोें को सजा दिलानी चाहिए. साथ ही पत्रकारों की सुरक्षा को गंभीरता से लेना चाहिए.”
आपको बता दे कि पांच सितंबर पत्रकार गौरी लंकेश की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हांलाकि यह पहला मामला नही की जब एक पत्रकार की हत्या हुई हो. मानवाधिकार के उच्चायुक्त कार्यालय के अनुसार, पिछले तीन साल में कट्टरपंथी राजनीति का विरोध करने वाले चार सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्या की गयी है.
कर्नाटक सरकार ने लंकेश हत्याकांड की जांच के लिए आईजीपी (खुफिया) बीके सिंह के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था. इतना ही नहीं सरकार ने सुराग देने वाले व्यक्ति को 10 लाख रुपये के पुरस्कार की भी घोषणा की थी.