नितीश कटारा हत्याकांड में SC का अहम फ़ैसला
तकरीबन चौदह साल पुराने नितीश कटारा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार यानी कि आज एक अहम फ़ैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने इस फ़ैसले से दोषियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने दोषियों की सजा पांच साल कम कर दी है। बता दें कि इस मामले में तीनों दोषियों विकास यादव, विशाल यादव और सुखदेव पहलवान ने अपनी सजा की अवधि कम करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इसी याचिका पर अपना फ़ैसला सुनाया है। कोर्ट के इस फैसले के अनुसार दो दोषियों विकास यादव और विशाल यादव की सजा 30 से घटकर 25 हो गई है। वहीं तीसरे दोषी सुखेदव पहलवान की सजा 25 साल से घटकर 20 साल हो चुकी है।
हाईकोर्ट ने दिया था फ़ैसला
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी विकास और विशाल यादव को हत्या का दोषी मानते हुए 25 साल और मामले के तीसरे आरोपी सुखदेव पहलवान को 20 साल उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने साल 2014 में कटारा की हत्या को ऑनर किलिंग करार देते हुए विकास और विशाल दोनों की उम्रकैद की सजा बिना किसी छूट के 14 साल से बढ़ाकर 25 साल की थी। वहीं तीनों आरोपियों को सबूत मिटाने के लिए 5 साल की अतिरिक्त सजा भी सुनाई गई थी।
हालांकि कोर्ट ने दोषियों के इस क्राइम को रेयरेस्ट ऑफ रेयर कैटेगरी का तो माना था लेकिन इसके बावजूद कोर्ट ने दोषियों को फांसी को सजा नहीं सुनाई थी। कोर्ट ने अपना फ़ैसला सुनाते हुए कहा था कि अभी उनके सुधार और रिहैबिलिटेशन की संभावना है। इसके अलावा सजा सुनाते हुए कोर्ट ने दोशियों को 54-54 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
इस मामले पर एक नज़र
नितीश कटारा की हत्या साल 2002 में 16-17 फरवरी की दरम्यानी रात को दिल्ली में की गई थी। दरअसल नितीश के बाहुबली नेता डी.पी. यादव की बेटी भारती यादव से प्रेम संबंध थे। कटारा और भारती के इस प्रेम प्रसंग से भारती का भाई विकास यादव खुश नहीं था। विकास ने अपने चचेरे भाई विशाल यादव और सुखदेव पहलवान के साथ मिलकर नितीश की हत्या कर दी थी। बता दें कि भारती यूपी के बाहुबली नेता डीपी यादव की बेटी थी और वहीं दूसरी ओर नितीश एक रेलवे अफसर के बेटे थे। नितीश दिल्ली में बिजनेस एक्जिक्यूटिव पद पर काम करते थे।