सऊदी अरब, बहरीन, यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE), यमन और मिस्र ने पिछले महीने कतर से अपने डिप्लोमैटिक रिलेशन खत्म कर दिए थे। इस रिलेशन ब्लॉकेज के बाद कतर में कई भारतीय फंस गए हैं। इन्हें एयरलिफ्ट करने के लिए भारत सरकार 22 जून से 8 जुलाई तक स्पेशल फ्लाइट्स चलाएगी। कहा जा रहा है कि कतर में हजारों भारतीयों को फ्लाइट टिकट भी नहीं मिल पा रहे। यहां करीब 7 लाख भारतीय रहते हैं, इसलिए पूरे मामले पर सुषमा स्वराज नजर रखे हुए हैं। इससे पहले मार्च 2016 में ब्रसेल्स के एयरपोर्ट पर ब्लास्ट के बाद वहां 800 पैसेंजर्स फंस गए थे। सरकार इन्हें जेट एयरवेज की मदद से एयरलिफ्ट कर नीदरलैंड्स और फिर भारत लाई थी।
एयर इंडिया और जेट एयरवेज एडिशनल फ्लाइट्स चलाएगी
सिविल एविशन मिनिस्टर अशोक गजपति राजू ने ट्वीट कर बताया कि एयर इंडिया और प्राइवेट एयरलाइंस जेट एयरवेज एडिशनल फ्लाइट्स चलाएगी, जो कि दोहा से कोच्चि, तिरुवनंतपुरम और मुंबई के लिए हैं। सरकार की कुछ दूसरी प्राइवेट एयरलाइंस से भी इस बारे में बात चल रही है, यह कोशिश सुषमा स्वराज से बात करने के बाद शुरू की गई है। हालांकि, सरकार ने अभी तक यह नहीं बताया है कि कितने भारतीयों को कतर से भारत लाया जाएगा।
फंसे हुए महसूस नहीं कर रहे भारतीय
गजपति राजू ने बताया कि कतर में रह रहे भारतीय खुद को फंसा हुआ महसूस नहीं कर रहे हैं, लेकिन कई भारतीयों को टिकट नहीं मिल पा रहे। उनसे एडिशनल चार्ज मांगा जा रहा है। सरकार सिर्फ ऐसे लोगों की मदद करना चाहती है।
25 जून से 8 जुलाई तक चलेंगी स्पेशल फ्लाइट्स
न्यूज एजेंसी को सिविल एविशन के एक ऑफिसर ने यह बताया कि जेट एयरवेज मुंबई से दोहा के बीच 22 और 23 जून को कुछ एक्स्ट्रा फ्लाइट्स चला रही है, तथा एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट तिरुवनंतपुरम से दोहा और कोच्चि से दोहा के रूट पर 25 जून से 8 जुलाई के बीच चलेगी। इसमें 186 पैसेंजर्स के बैठने की कैपिसिटी होगी।
1990 में इराक और कुवैत से करीब 1 लाख 10 हजार भारतीयों को एयरलिफ्ट किया था
भारत सरकार ने इससे पहले सबसे बड़ा एयरलिफ्ट ऑपरेशन 1990 में चलाया था, तब इराक और कुवैत में जंग के हालात थे। तब दोनों देशों से करीब 1 लाख 10 हजार भारतीयों को भारत लाया गया था। इस ऑपरेशन को 500 फ्लाइट्स के जरिए अंजाम दिया गया था। अब तक के इतिहास का यह सबसे बड़ा ऑपरेशन है।