Friday, August 25th, 2017
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पर्यावरण चिंतक एवं बीजेपी के अहम् रणनीतिकार दवे का निधन




Politics

Anil Madhav Dave passed away

केंद्रीय मंत्री अनिल माधव दवे का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। अनिल माधव मोदी सरकार में पर्यावरण मंत्री थे। दवे आज सुबह कुछ असहज महसूस कर रहे थे, जिसके बाद उन्हें एम्स ले जाया गया था, वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से लम्बे समय से जुड़े रहे केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री अनिल माधव दवे एक अच्छे लेखक, चिंतक और पर्यावरणविद थे।

61 वर्षीय दवे मध्यप्रदेश से 2009 से राज्यसभा के सदस्य थे। दवे पर्यावरण मंत्री बनने से पहले ही पर्यावरण संरक्षण के अभियान में काफी सक्रिय रहे थे। नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए उनके मार्गदर्शन में एक समर्पित संगठन बहुत पहले से सेवा दे रहा था। वे पर्यावरण के क्षेत्र में काफी अध्ययन करते थे और जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते का भारत की ओर से अनुमोदन किये जाने में दवे ने अहम भूमिका निभाई थी। पीएम की पर्यावरण से जुडी योजनाओं में वे एक प्रमुख नीतिकार और सलाहकार थे।

संक्षिप्त जीवन परिचय

दवे का जन्म 6 जुलाई 1956 को मध्यप्रदेश के उज्जैन में हुआ था। वे शुरू से ही RSS के सक्रिय कार्यकर्ता रहे थे। उन्होंने गुजराती कॉलेज इंदौर से एम.कॉम की पढाई की थी। दवे को 5 जुलाई 2016 को वन एवं पर्यावरण मंत्री का कार्यभार सौंपा गया था। स्व. दवे की कर्मभूमि मध्यप्रदेश रही, जहां उन्होंने संघ परिवार और भाजपा का आधार बढ़ाने के लिए जमकर काम किया। उन्होंने नर्मदा संरक्षण के लिए भी कई अहम काम किए। दवे बहुत अच्छे लेखक, चिंतक और पर्यावरण के जानकार भी थे। नर्मदा संरक्षण के लिए उन्होंने कई अहम काम किए। शरीर साथ नहीं देता था तो हेलिकॉप्टर से नर्मदा की परिक्रमा भी की। दवे की पर्यावरण को लेकर चिंता से अन्य विपक्षी दलों के नेता और विरोधी भी अवगत थे और उनके कायल भी थे। वे विभिन्न संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे। वे जल संसाधन समिति और सूचना और प्रसारण मंत्रालय की सलाहकार समितियों के भी सदस्य रहे। वे मार्च 2010 से जून 2010 तक ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन पर संसदीय फोरम के सदस्य भी थे।

कलीग और दोस्त के निधन से बेहद हैरान – मोदी

पीएम मोदी ने ट्वीट कर पर्यावरण मंत्री अनिल माधव के निधन पर शोक जताया है और कहा है कि उनका जाना व्यक्तिगत नुकसान है। पीएम ने बताया कि बीती शाम तक वे अनिल के साथ थे और पर्यावरण से जुड़े प्रमुख नीतिगत मामलों पर चर्चा कर रहे थे। पीएम मोदी ने कहा कि वह अचानक अपने कलीग और दोस्त के निधन से बेहद हैरान हैं।

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