शिवसेना ने आज भाजपा पर हमले तेज करते हुए और इसके अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव में जीत हासिल कर सकती है तथा राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार को जीत दिला सकती है, लेकिन वह कश्मीर को बचाने में सक्षम नहीं है।
एक दिन पहले ही उद्धव से मिले थे अमित शाह
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा कि अमित शाह और उनकी पार्टी की निगाहें महाराष्ट्र के मध्यावधि चुनाव पर हैं। मध्यावधि चुनाव के नतीजों की बजाय है, हम इसको लेकर चिंतित हैं कि कश्मीर और हिंसा प्रभावित दार्जिलिंग में क्या होगा? पार्टी ने यह हमला उस वक्त किया है, जब शाह ने एक दिन पहले शिवसेना पक्ष-प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनके आवास ‘मातोश्री’ में मुलाकात की थी।
महबूबा सैनिकों पर हमले करने वालों का सरेआम समर्थन कर रही
शिवसेना ने कहा कि आज का सबसे बड़ा सवाल यह है कि हमें कब तक शहीद सुरक्षाकर्मियों की संख्या गिननी चाहिए? शिवसेना ने आगे कहा ”अमित शाह ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी। परंतु क्या हमारा कश्मीर भारत के नक्शे में रहेगा? शिवसेना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती सैनिकों पर हमले करने वाले युवकों का सरेआम समर्थन कर रही हैं और कश्मीर में मौजूदा हालात के लिए जवानों को जिम्मेदारी ठहरा रही हैं।
भाजपा महबूबा के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोलती है
आगे कहा कि जब शिवसेना किसानों के बारे में बात करती है और मुद्दों पर राष्ट्रवादी रूख अपनाती है, तो हमें सबक सिखाने के प्रयास किए जाते हैं। परंतु भाजपा महबूबा के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोलती है। इसके उलट वे उनका समर्थन कर रहे हैं। शिवसेना ने आगे कहा कि महाराष्ट्र प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए। कश्मीर और दार्जिलिंग में हालात काबू से बाहर जा रहे हैं, वहां निर्दोष लोगों को मारा जा रहा है। उसने कहा कि पश्चिम बंगाल में किसी को इन हालातों का राजनीतिक फायदा उठाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।