जस्टिस दीपक मिश्र देश के 45वें नए चीफ जस्टिस होंगे । वह 63 वर्ष के हैं। इस वक्त वह सुप्रीम कोर्ट में सीनियर जज हैं। इनका नाम वर्तमान चीफ जस्टिस जे एस खेहर ने ही आगे किया था जिस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुहर लगा दी हैं। मौजूदा सीजेआई जे एस खेहर 27 अगस्त 2017 को रिटायर हो रहे हैं और उनके बाद जस्टिस दीपक मिश्र चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का पद संभालेंगे। आपको बता दे कि दीपक मिश्र सिर्फ 2 अक्टूबर, 2018 तक ही इस पद पर रहेंगे, जिसके बाद वह रिटायर हो जाएगें। न्यू चीफ जस्टिस दीपका मिश्र के नाम कई ऐतिहासिक जजमेंट रहें हैं –
– जस्टिस दीपक मिश्र ने ही ऑर्डर दिया था कि सिनेमा हॉल में फिल्म शुरू होने के पहले नेशनल एंथम को अनिवार्य किया जाना चाहिए। राष्ट्रगान के साथ स्क्रीन पर नेशनल फ्लैग नजर आएगा। उस वक्त थियेटर के दरवाजे भी बंद रहेंगे। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पास कर दिया था। शुरूआत में लोगों ने इसे लेकर काफी हंगामा भी किया था।
– जस्टिस दीपक मिश्र भी उस बेंच का हिस्सा रह चुके है जब 1993 में मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट की सुनवाई चल रही थी। उस वक्त याकूब ने दया याचिका पेश की पर 29 जुलाई, 2015 को उन्होंने उस दया याचिका को खारिज कर दिया था। और 30 जुलाई, 2015 को फांसी की सजा दी गई। इसके बाद से दीपक मिश्रा काफी सुर्खियों में रहे।
– जस्टिस दीपक मिश्र ने निर्भया केस के मामालों में दोषियों को फांसी की सजा सुनाने तक का फैसला शामिल हैं।
– 2010 में किरण राओ की फिल्म ‘धोबी घाट’ के नाम को लेकर हिंदुस्तान कनौजिया ऑर्गेनाइजेश के चैयरमैन ऑफ धोबी विनोद कुमार ने कोर्ट में याचिका लगाई थी की इस टाइटल से लोगों की भावानाओं को ठेस पहुंचेगी पर जस्टिस दीपक ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया कि यह एक जिओग्राफिकल लोकेशन का नाम है, इससे कोई कास्ट और कम्युनिटी को प्रभाव नहीं पड़ेगा।
-11 अगस्त से शुरू होने वाली रामजन्मभूमि मामले की सुनवाई के लिए बनाई गई स्पेशल बेंच की अगुवाई भी जस्टिस मिश्र ही कर रहें हैं।