हाल ही में संतोषी शेट्टी ने मुंबई की रोजमर्रा की ज़िन्दगी के अनुभवों को बांटने वाले हयूमंस ऑफ बॉम्बे फेसबुक पेज पर अपनी कहानी शेयर की, जिसमें उन्होंने अपनी लाइफ की कामयाबी और असफलता के बारे में बताया। संतोषी शेट्टी की ये कहानी यूथ के लिए काफी इंट्रेस्टिंग है। इस कहानी से सीखने को मिलता है कि जितना ज़्यादा प्यार हम खुद से करते हैं उतनी कामयाबी हमें ज़िन्दगी से मिलती है।
संतोषी ने बताया कि जैसे मैं बढ़ी हुई मैं एक ऐसी छात्रा रही जो सभी प्रतियोगिताओं में भाग लेती थी। बड़े होकर मैने आर्किटेक्चर का कोर्स किया। कॉलेज में मेरी कोशिश रहती थी कि मैं सबसे फैशनेबल दिखू लेकिन मैने कभी नहीं सोचा था कि मैं लड़कियों को फैशनेबल लेने के टिप्स दूंगी।
मेरे पास हमेशा पैसे की तंगी रहती थी इसलिए मैं हमेशा पटरी से ही शॉपिंग करती थी, मैं कोई चीज़ अगर 200 रूपए में भी खरीदती थी तो उसमें भी मोल-भाव करती थी। लेकिन हमेशा से मुझे अलग-अलग चीजे इकट्ठा करने का शौक रहता था। उन दिनों मैनें किसी से इंस्टाग्राम के बारे में सुना था लेकिन इंस्टाग्राम फीचर फोन में नहीं चलता था सिर्फ एंड्राइड या आईओएस में चलता था इसलिए मैं अपने पापा का फोन लेकर उसमें जल्दी से पिक्चर अपलोड कर दिया करती थी।
मैं फैशन के साथ-साथ आर्किटेक्चर फील्ड से भी प्यार करती थी, जब मुझे अपने कोर्स के सिलसिले में ट्रेवल करने का मौका मिलता था मैं अपने अनुभवों को शेयर करती थी। मुझे नहीं पता कि मेरे फॉलोवर्स किस तरह बढ़ने लगे। जब मैं थर्ड ईयर में थी तब मुझे एटीकेटी मिली और मेरा साल बर्बाद हो गया। नेक्स्ट पेज पर पढ़ें आगे क्या हुआ