भारत की सार्वजनिक ऑईल कंपनियां अब प्रतिदिन पेट्रोल-डीजल के दाम की समीक्षा करेंगी। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की आेर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक यह नई व्यवस्था 16 जून से लागू होगी। यह फैसला बुधवार को पेट्रोलियम और नेचूरल गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया।
डायनामिक प्राइसिंग में इतनी हड़बड़ी ना करे सरकार – डीलर्स
5 शहरों में पेट्रोल-डीजल के लिए शुरू की गई दैनिक समीक्षा के पायलेट प्रोजेक्ट में सफलता मिलने के बाद देशभर में पेट्रोल की रोजाना कीमत तय करने का फैसला ले लिया गया है। वहीं दूसरी और पेट्रोल पंप डीलर्स सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। ऑल इंडिया पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल का कहना है कि यह फैसला रिटेलर्स के लिए अच्छा नहीं है। पायलेट प्रोजेक्ट में कई समस्याएं हैं, जिन्हें डीलर्स ने ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के सामने रखा है। 95% रिटेल आउटलेट्स पर हाथ से दाम बदले जाते हैं। 54000 रिटेल आउटलेट्स में से केवल 20% ही अभी ऑटोमेेटेड हैं, ऐसे में सरकार को डायनामिक प्राइसिंग में इतनी हड़बड़ी नहीं दिखानी चाहिए।
अभी 15 दिन में एक बार कीमत तय होती है
वर्तमान में भारत की 3 ऑईल कंपनियां इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम तथा हिंदुस्तान कार्पोरेशन प्रत्येक 15 दिन में तेल कीमतों की समीक्षा करती हैं और इसके आधार पर पेट्रोल-डीजल की रिटेल कीमत तय की जाती है।
5 शहरों में प्रयोग पूरा, अब पुरे देश पर होगा लागु
मई की शुरुआत में तीनों कंपनियों ने पुडुचेरी, दक्षिण भारत के विजाग, पश्चिम भारत में उदयपुर, पूर्वी भारत में जमशेदपुर तथा उत्तरी भारत में चंडीगढ़ में रोजाना के आधार पर तेल की कीमतों का निर्धारण करने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। ऑईल कंपनियों की ओर से यह प्रोजेक्ट पूरे देश में लागू करने से पहले केवल 5 शहरों में इसलिए शुरू किया गया था ताकि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव में खुद को ढाला जा सके। फ्यूल रिटेल मार्केट में इन 3 कंपनियां की कुल मिलाकर 90% से अधिक हिस्सेदारी है। इस लिहाज से ये कंपनियां व्यावहारिक रूप से ईंधन मूल्य निर्धारण में मानदंड स्थापित करती हैं। उम्मीद है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज और एस्सार ऑयल भी इन्हीं का अनुसरण करेंगी।
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नुकसान कम करने में मदद मिलेगी
कई सारे विकसित देशों में रोजाना के आधार पर तेल कंपनियां कीमतों की समीक्षा करती हैं, इसे डायनामिक फ्यूल प्राइसिंग कहा जाता है। प्रतिदिन के आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों की समीक्षा कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करती है और इसके लिए कीमतों का समायोजन करने के लिए 14 दिन के सर्किल का इंतजार नहीं करना पड़ता है। इस कदम से तेल कंपनियां रिटेल प्राइस को कच्चे तेल की कीमतों के आसपास रख सकेंगी और इससे नुकसान कम करने में मदद मिलेगी।