संयुक्त राष्ट्र की समिति ने पाया कि भारत ने पाकिस्तान में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के जो नौ पते दिए थे उनमें से तीन पते फर्जी निकले है। इन पतो को यूएन ने इस सूची से हटा दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अलकायदा प्रतिबंध समिति द्वारा सूची में से जो पते हटाए जा रहे हैं, उनमें से एक पता संयुक्त राष्ट्र में इस्लामाबाद की दूत मलीहा लोधी के आवास का है। हालांकि भारत की ओर से उपलब्ध करवाए गए छह अन्य पतों को संशोधित नहीं किया गया है।
भारत ने दिए थे पते
भारत ने एक डोजियर में इन नौ पतों का उल्लेख करते हुए कहा था कि दाउद इन स्थानों पर अक्सर आता है। सुरक्षा परिषद की आईएसआईएल और अलकायदा प्रतिबंध समिति ने दाऊद से जुड़ी इस जानकारी में कल संशोधन किया। वर्ष 1993 में मुंबई में हुए श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों के मास्टरमाइंड से जुड़े इस पते को समिति ने रेखांकित किया और काट दिया। इस संशोधन के बारे में पूछे जाने पर भारत के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि सूचीबद्ध जानकारी में दाऊद का एक पता गलत था। यह पता ‘‘राजदूत मलीहा लोधी का था, दाऊद का नहीं।
दाऊद के नौ पते थे शामिल
भारत ने पिछले साल अगस्त में एक डोजियर तैयार किया था जिसमें पाकिस्तान में दाऊद के नौ ठिकाने थे। यह इस बात का सबूत था कि दाऊद पाकिस्तान में छिपा हुआ है। इस्लामाबाद लगातार इस बात से इंकार करता रहा है कि दाऊद पाकिस्तान में रहता है। पाकिस्तान में दाउद के आवासों की जानकारी दो साल पहले बनाए गए उस डोजियर में है, जिसे पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज और उनके भारतीय समकक्ष अजित दोभाल के बीच वार्ता के दौरान सौंपा जाना था। यह वार्ता बाद में रद्द हो गई थी। इस डोजियर में एक पता उस मकान का था, जो दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी के कराची स्थित घर के पास था।
तेजी से पते बदलने में माहिर
इस डोजियर में यह भी कहा गया है कि डॉन दाऊद इब्राहिम जल्दी से अपने ठिकाने बदलने में काफी माहिर है। उसने पाकिस्तान में अकूत संपत्ति जुटाई है और वह पाकिस्तानी एजेंसियों की सुरक्षा में आता-जाता है। समिति ने जो एक और संशोधन किया है, वह दाऊद के परिवार से जुड़ा हैं। परिवार से जुड़ी जो सूचना सूची में रेखांकित की गई है, वह है- ‘‘पिता का नाम शेख इब्राहिम अली कासकर है, मां का नाम अमीना बी, पत्नी का नाम महजबीं शेख’’ है। दाऊद को तीन नवंबर 2003 में सूचीबद्ध किया गया था। उससे जुड़ी जानकारी को मार्च और जुलाई 2006 में, जुलाई 2007 में और मार्च 2010 में संशोधित किया गया।
संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकी घोषित किए गए दाऊद की संपत्ति कुर्क है, उसकी यात्राओं पर प्रतिबंध है। संशोधन के दौरान दाऊद के जन्मस्थान के रूप में दर्ज ‘बंबई’ को काटकर ‘महाराष्ट्र के रत्नागिरी स्थित खेर’ किया गया। इसमें उसके दूसरे नामों के रूप में ‘‘शेख फारूकी, बड़ा सेठ, बड़ा भाई, इकबाद भाई, मुच्छड़ और हाजी साहब’’ दर्ज हैं। इसमें उसके विभिन्न पासपोर्टों की जानकारी भी दर्ज है। इनमें वे पासपोर्ट भी हैं, जो पाकिस्तान में जारी किए गए। इसमें कहा गया है कि दाऊद को 18 अगस्त 1985 को एक पासपोर्ट दुबई में जारी किया गया। एक पासपोर्ट रावलपिंडी में 12 अगस्त 1991 में जारी किया गया। इसमें इन दो पासपोर्टों के ‘गलत इस्तेमाल’ का जिक्र किया गया। दाउद को जुलाई 1996 में कराची में और जुलाई 2001 में रावलपिंडी में भी पासपोर्ट जारी किया गया। दाऊद वर्ष 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में भारत में वांछित है। इन हमलों में 257 लोग मारे गए थे और लगभग एक हजार लोग घायल हुए थे। वह अन्य आतंकी हमलों का भी मास्टर माइंड बताया जाता है और वह धनशोधन एवं रंगदारी का भी आरोपी है।