Thursday, August 31st, 2017
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सैनिटरी पैड पर टैक्स बढ़ाने पर बोली एक्ट्रेस, लहू का लगान मत लो मिनिस्टर साहब!




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swara bhaskar

जीएसटी बिल पास हो चुका है और जीएसटी बिल के लागू होने के बाद कई सारी चीज़ों के दाम बड़ जाएंगे और कई सारी चीज़ों के दाम घट जाएंगे। जीएसटी में सैनिटरी नैपकीन पर भी टैक्स लगाया जाएगा जिसकी वजह से उसके दाम बढ़ने वाले हैं। सैनिटरी नैपकीन के दाम बढ़ने को विरोध में बुधवार सुबह से ट्विटर पर लहू का लगान ट्रेंड कर रहा है।

बॉलिवुड अभिनेत्रियों के अलावा कई दूसरे फील्ड्स की हस्तियों ने भी वित्त मंत्री अरूण जेटली से इस टैक्स को खत्म करने की मांग की है। बॉलिवुड हीरोइनों समेत तमाम महिलाएं सरकार से अपील कर रही हैं कि हमारे देश में आज भी बहुत कम महिलाएं कीमत ज्यादा होने की वजह से सैनिटरी नैपकीन इस्तेमाल नहीं कर पाती। ऐसे में इसे जीएसटी टैक्स के दायरे में लाकर आम लोगों की पहुंच से बाहर न किया जाए।

aditi tweet

हीरोइनों का मिला सपॉर्ट
बॉलिवुड अभिनेत्रियों ने देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली को टैग कर उनसे सैनिटरी नैपकीन को टैक्स के दायरे से बाहर रखने की अपील की है। अदिति राव हैदरी ने ट्वीट किया, ’अरुण जेटली जी, सैनिटरी नैपकीन हमारी जरूरत है, लग्जरी नहीं। कृपया इन्हें जीएसटी से बाहर कर दीजिए, ताकि और ज्यादा महिलाएं इनका इस्तेमाल कर सकें।’

sanitary pad tweet

स्वरा ने किया विरोध
फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने सेनिटरी पैड पर लगने वाले इस टैक्स के खिलाफ इसी तरह का विरोध किया हैं। इस बारे में स्वरा ने कहा, ’मैं अदिति राव हैदरी से पूरी तरह सहमत हूं। सरकार को सैनिटरी नैपकीन पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि यह हमारी जरूरत है, किसी तरह की विलासिता नहीं।’

jwala gutta

ज्वाला गुट्टा ने भी की टैक्स हटाने की रिकवेस्ट
तो वहीं बैडमिंटन प्लेयर ज्वाला गुट्टा ने इस मामले में हैरानी जताते हुए ट्वीट किया, ’मिस्टर अरुण जेटली यह बेहद आश्चर्यजनक है। मुझे कभी भी नहीं पता था कि सैनिटरी नैपकीन का इस्तेमाल करना लग्जरी है। मैं हैरान हूं। इसलिए मैं आपसे रिकवेस्ट करती हूं कि सैनिटरी नैपकीन पर टैक्स ना लगाया जाए, ताकि यह हमारे देश की महिलाओं के लिए उपलब्ध हो सके। üलहूकालगान को ना कहिए।’

सैनिटरी नैपकीन पर डबल टैक्स
बॉलिवुड एक्ट्रेस लीजा रे ने फाइनैंस मिनिस्टर से सैनिटरी नैपकीन पर टैक्स नहीं लगाने की अपील की। उन्होंने लिखा, ’अरुण जेटली क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में 88 फीसदी महिलाएं अब भी सैनिटरी नैपकीन की बजाय कपड़े के टुकड़े, राख, लकड़ी की छीलन और फूस इस्तेमाल करती हैं। इन पर भी टैक्स लगा दीजिए?’

वहीं कवन दवे ने ट्वीट किया, ’सैनिटरी नैपकीन पर तो हम पहले ही स्वच्छ भारत सेस के तौर पर टैक्स दे रहे हैं? तो आप लहू के लगान पर डबल चार्ज लेंगे।’ जबकि राधिका ने ट्वीट किया, ’सैनिटरी पैड्स पर से टैक्स हटाइए। आप यह सब इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि पुरुषों को इसकी जरूरत नहीं होती।’

वहीं राइटर अद्वैता काला ने ट्विटर पर लिखा, ’मासिक धर्म शुरू होने पर 23 फीसदी लड़कियां स्कूल छोड़ देती हैं। आपको सैनिटरी नैपकीन को इतना सस्ता करना चाहिए कि सभी उसका इस्तेमाल कर सकें।’ उधर पद्मजा जोशी ने ट्वीट किया, ’हम लोगों का मानना है कि पीरियड्स के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करना गलत है? लेकिन महिलाएं घास-फूस या उससे भी खराब चीजें इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हैं। कृपया सैनिटरी नैपकीन को सस्ता कीजिए।’

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