सीमा विवाद के कारण बीते चार सप्ताह से भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति है। दोनों देशों के बीच 3,500 किलोमीटर (2,174 मील) लंबी सीमा है। सीमा विवाद के कारण दोनों देश 1962 में युद्ध के मैदान में भी आमने-सामने एक दूसरे को चुनौती दे चुके हैं, और अब जो माहौल बन रहा है दोनों देशों के बीच उससे चीनी मीडिया में एक डर व्याप्त है।
अपने इस डर को चीन के एक सरकारी अखबार ने बयां किया है, और लिखा है कि अभी जो हालात हैं उनकी वजह से भारत में चीन के खिलाफ बढ़ती भावना को लेकर, भारत में परिचालन कर रही चीन की कंपनियों को सतर्क रहना चाहिये। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच चीन की कंपनियों को वहां चीन विरोधी भावना से निपटने को कदम उठाने चाहिए। अखबार में 2014 में वियतनाम में चीन विरोधी भावना का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि भारत में भी चीन के हितों पर हमला हो सकता है।
भारत चीनी कंपनियों के लिए बहुत बड़ा बाजार है और यहाँ चाइना से आया माल बहुत बिकता है. चीन की कंपनियों का मुनाफ़ा बहुत हद तक भारत पर निर्भर करता है और अभी जो सीमा विवाद को लेकर माहौल बना है दोनों देशों के बीच, तो इससे चीन डरा हुआ है कि कहीं आर्थिक रूप से उसे नुकसान ना हो जाए इसलिए वहां का सरकारी मीडिया चीनी कंपनियों को सतर्क कर रहा है
आगे इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि सीमा पर छोटे स्तर का भी सैन्य तनाव होता है तो भारत में चीन के लोगों और कंपनियों पर हिंसक हमला हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में परिचालन कर रही चीन की कंपनियों को सतर्क रहने की जरूरत है और उन्हें चीन विरोधी भावना से बचाव के लिए ऐहतियाती कदम उठाने की जरूरत है।