इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष के. के. पाहुजा की तरफ से कहा गया है कि 1 जुलाई से लागू हो रहे GST से स्टेनलेस स्टील उद्योग का पासा पलटने वाला है क्योंकि अभी प्राथमिक इस्पात उत्पाद पर 12.5 प्रतिशत उत्पाद शुल्क, 5 प्रतिशत वैट और 2 प्रतिशत सीएसटी लगता है। अब जब GST लागू हो जायेगा तो अनुपालन व्यवस्था सरल होगी और समानान्तर अर्थव्यवस्था पर लगाम लगेगी।
स्टेनलेस स्टील के उत्पादन के लिये मुख्यतः कच्चा माल, बिजली, फर्नेस आयल तथा प्राकृतिक गैस प्रमुख है, और इन संसाधनों को स्टेनलेस स्टील उद्योग के शीर्ष संगठन ने जीएसटी के दायरे में लाने की सरकार से अपील की है।
1 जुलाई से जीएसटी लागू होना है, और इससे उद्योग में अनुपालन व्यवस्था सरल होगी और नया कर ढांचा आने से कारोबार में सुगमता बढ़ेगी।
प्राथमिक स्टेनलेस स्टील उत्पाद पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इससे उद्योग को वृद्धि में मदद मिलेगी और उसे बहु-स्तरीय शुल्क ढांचे से मुक्ति मिलेगी। यह नई व्यवस्था इस उद्योग के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।
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