मोदी सरकार का कार्यकाल 2019 में समाप्त हो रहा है, मगर लोकसभा चुनाव इसके पहले ही कराए जाने की सम्भावना बन रही है। जी हां, सरकार इस बार विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव एक साथ कराए जाने की संभावना पर विचार-विमर्श कर रही है। इसको लेकर राजनीतिक-क्षेत्र में अटकलें लगाया जाना शुरू हो गया है। अगर ऐसा हुआ तो आगामी लोकसभा चुनाव अगले साल नवंबर-दिसंबर में ही हो सकते हैं। गौरतलब है कि खुद पीएम नरेंद्र मोदी भी यह राय जाहिर कर चुके हैं कि देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ करवाए जाना चाहिए।
अनौपचारिक प्रक्रिया के तहत चर्चा जारी
TOI प्रकाशन से यह खबर सामने आई है कि सरकार देश में लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने के बारे में सोच रही है। कई बार इसकी मांग भी उठी है। अभी एक अनौपचारिक प्रक्रिया के तहत चर्चा जारी है। इससे यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव साथ-साथ कैसे करवाए जा सकते हैं?
“चुनाव तय समय से 6 महीने पहले तक करवाए जा सकते हैं?”
विधानसभा के साथ ही अगर लोकसभा चुनाव होते हैं, तो लोकसभा चुनाव तय समय से 6 महीने पहले ही हो जाएंगे। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस राजनीतिक परिवर्तन को समझने के लिए लोकसभा के पूर्व सेक्रेटरी जनरल सुभाष सी. कश्यप और कई अन्य सचिवों की राय जानने की कोशिश की जा रही है। जबकि मौजूदा प्रावधान के अनुसार “चुनाव तय समय से 6 महीने पहले तक करवाए जा सकते हैं” की जांच की जा चुकी है। इसके अनुसार इसमें बदलाव के लिए संविधान में संशोधन जैसे जटिल रास्तों की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती राजनीतिक रूप से आम सहमति बनाने की ही होगी।