मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर यूं तो अपनी बल्लेबाजी के कारण क्रिकेट के भगवान कहे जाते हैं, लेकिन उनका सेंस ऑफ ह्यूमर और उनकी सोच भी बड़ी कमाल की है। हाल ही में उन्होंने एमसीए को एक ऐसा अनोखा आइडिया दिया है कि एमसीए खुद इसके लिए मना नहीं कर पाई। उनके इस अनोखे कॉन्सेप्ट से देश के ज्यादा से ज्यादा युवा खिलाडिय़ों को मौके मिल सकते हैं। इतना ही नहीं अगर ये युवा खिलाड़ी खेल के मैदान तक पहुंच गए तो उनकी किस्मत भी बदल सकती है।
जी हां, दरअसल सचिन ने कहा है कि स्कूल टीम में 14 खिलाडिय़ों को खेलने का मौका दिया जाए। जिससे ज्यादा से ज्यादा युवा इसका फायदा उठा सकें। उनका ये कॉन्सेप्ट मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन को काफी पसंद आया है और वह इस नियम को इंटरस्कूल टूर्नामेंट के एलीट फाइनल्स तक लागू करेगा। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार इसकी गुजारिश सचिन तेंदुलकर और मुंबई स्कूल स्पोट्र्स एसोसिएशन क्रिकेट के सचिव और वानखेड़े स्टेडियम के पूर्व क्यूरेटर नदीम मेनन ने की थी।
सचिन का ये आइडिया स्कृूल के साथ-साथ युवा खिलाडिय़ों के पैरेंट्स को भी काफी पसंद आया है। सभी ने उनके इस कॉन्सेप्ट की तारीफ की है। सभी कोच और पैरेंट्स का कहना है कि इससे सभी को खेलने का मौका मिलेगा। बता दें कि सचिन के इस आइडिया से 84 से ज्यादा बच्चों को पिच पर खेलने का मौका मिलेगा।
मेमन ने कहा है कि एक टीम में 11 के बजाए 14 खिलाडिय़ों का सिलेक् शन किया जा सकता है। टॉस के दौरान आप 14 खिलाडिय़ों को सिलेक्ट कर सकते हैं और फिर उनमें से 11 बेस्ट को चुन सकते हैं।
बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब सचिन के आइडिया को स्वीकृति मिली है, इससे पहले उनके आइडिया का इस्तेमाल हैरिस शील्ड के ओपनिंग नॉटआउट राउंड में किया गया था। लेकिन अब इस आइडिया को दोनों हैरिस और जाइल्ड शीट के फाइल्स में भी लागू किया जाएगा।