मोदी सरकार के तीन साल पूरे हो चुके हैं और शेयर बाजार में अभी भी मोदी मैजिक जारी है। आपको बता दें कि शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों ने जहां 1.55 लाख करोड़ रूपए का निवेश किया है वहीं घरेलू निवेशकों ने विदेशी निवेशकों को पीछे छोड़ते हुए 1.77 लाख करोड़ का निवेश किया है। इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि इंडिया की अगली स्टोरी डोमेस्टिक इंवेस्टमेंट की है। हो सकता है कि विदेशी निवेशक अब निवेश न करें, लेकिन घरेलू निवेशक अब भी निवेश करने के लिए तैयार हैं। वे मार्केट को और ग्रो कर सकते हैं।
कुछ ऐसा चढ़ा सेंसेक्स
मोदी की ऐतिहासिक जीत के बाद से सेंसेक्स में काफी बढ़ा है। 2014 में ये 26 प्रतिशत चढ़ा। इस साल अब तक फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स ने 50,390 करोड़ रूपए का निवेश किया है। वहीं पिछले तीन साल में उन्होंने इंडियन शेयर मार्केअ में 1.55 लाख करोड़ रूपए लगाए हैं।
अब यहां मिलेंगे बड़े रिटर्न के मौके-
मार्केट एक्सपर्ट अंबरीश बालिगा का कहना है कि एफएमसीजी में इमामी, डाबर, , सीमेंट में अंबुजा सीमेंट और ऑटो एंसिलरी में ग्रेबिएल इंडिया पर लंबे टाइम पीरियड पर दांव लगाया जा सकता है, लेकिन टायर शेयर इन स्तरों पर अब महंगे लग रहे हैं। वहीं अंबुजा सीमेंट अगर 5-6 फीसदी की गिरावट पर मिलती हैतो निवेश कर सकते हैं। श्री बालिगा का कहना है कि पीएसयू बैंकों में इन स्तरों पर निवेया की सलाह नहीं देंगे। इनमें अगले 4-6 महीने एनपीए इश्यू बना रहेगा। लेकिन प्राइवेट सेक्टर बैंकों में लंबी अवधि के लिए कोटक महिन्द्रा बेस्ट है।