सिक्किम स्थित भारत-चीन सीमा पर करीब 1 महीने से तनाव जारी है, जो निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। विवाद की शुुरुआत तब हुई जब चीन ने गत 6 जून को भारतीय इलाके में स्थित 2 बंकरों को बुलडोजरों से नष्ट कर दिया था। इस तनाव के दरम्यान चीनी मीडिया और थिंक टैंक बार-बार आक्रामक बयान दे रहे हैं। चीन में मीडिया पर सरकार का नियंत्रण है। चीनी मीडिया की इस ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत और चीन के बीच जारी विवाद सही तरीके से नहीं निपटाया गया तो दोनों देशों के बीच युद्ध होने की सम्भावना है।
युद्ध में अमेरिका सीधे दखल नहीं देगा
चीन सरकार द्वारा नियंत्रित अखबार ग्लोबल टाइम्स में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि चीन अपनी सीमा की संप्रभुता बरकरार रखने के लिए कटिबद्ध है और इसके लिए वह युद्ध भी कर सकता है। इस चीनी अखबार ने लिखा है कि अगर भारत और चीन के बीच युद्ध होगा तो इस बात की बहुत कम संभावना है कि अमेरिका उसमें सीधे दखल देगा, हालांकि वह भारत को हथियार वगैरह बेच सकता है।
1962 से चीन-भारत कट्टर प्रतिद्वंदी
चीन ने इससे पहले बयान दिया था कि भारत को 1962 के युद्ध का सबक याद रखना चाहिए। इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि 2017 का भारत 1962 के भारत से अलग है। जेटली के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी रक्षा विशेषज्ञ वांग देहुआ ने ग्लोबल टाइम्स में कहा है कि चीन भी 1962 वाला नहीं है। वांग देहुआ शंघाई म्युनिसिपल सेंटर में प्रोफेसर हैं। वांग ने कहा कि चीन 1962 से भारत को अपना सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी समझता आ रहा है क्योंकि दोनों देशों में कई समानताए हैं। मसलन, दोनों ही विकासशील अर्थव्यवस्था हैं और दोनों की जनसंख्या बड़ी है।
सीमा पर चीनी सेना तैयार, तो भारत की भी तैयारी जारी
ग्लोबल टाइम्स ने एक विशेषज्ञ के हवाले से आरोप लगाया है कि 1962 में भारत ने चीनी इलाके पर कब्जा कर लिया था, नतीजन युद्ध हुआ और 722 चीनी और 4383 भारतीय सैनिक मारे गए थे। अखबार ने यह भी लिखा है कि चीनी रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार चीन और भारत को अपना मतभेद बातचीत से सुलझाना चाहिए। झाओ गांनचेंग के हवाले से अखबार ने लिखा है कि संघर्ष या युद्ध को बढ़ावा देने के बजाय दोनों देशों को विकास पर ध्यान देना चाहिए। झाओ शंघाई इंटरनेशनल स्टडीज इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर हैं। चीनी विशेषज्ञों ने माना है कि चीन द्वारा सीमा पर सैन्य तैयारी बढ़ाने के बाद भारत भी अपनी स्थिति मजबूत करने में लगा हुआ है।
3000-3000 अतिरिक्त जवान
भारत और चीन के बीच करीब 3488 किमी लम्बी सीमा है, जिसमें से करीब 220 किमी सिक्किम से सटी है। मौजूदा विवाद सिक्किम के डोका ला इलाके में हुआ है। सिक्किम में तनाव बढ़ने के बाद भारत और चीन दोनों ने ही विवादित इलाके में 3000-3000 अतिरिक्त जवान तैनात कर दिए हैं।