हाल ही में हुए एक सर्वे में अमेरिकियों का एक दिलचस्प पहलू सामने आया है। सर्वे में भाग लेने वाले करीब 7% अमेरिकी नागरिकों का यह मानना है कि चॉकलेट फ्लेवर वाला दूध असल में भूरे रंग की गाय से मिलता है। US डेयरी के इनोवेशन सेंटर द्वारा किए गए, एक सर्वे में पाया गया कि करीब 7% लोगों को यह नहीं मालूम कि चॉकलेटी दूध कहां से और कैसा आता है? इन लोगों को लगता है कि चॉकलेटी मिल्क एक प्रकार का नेचुरल प्रोडक्ट है, और भूरे रंग की गाय स्वाभाविक रूप से ऐसा ही दूध देती है।
खेती, दूध व इनके प्रोडक्ट्स के बारे में बहुत कम जानकारी
अमेरिका में आमतौर पर लोगों को खेती, दूध व इनके प्रोडक्ट्स के बारे में बहुत कम जानकारी है। ज्यादातर लोगों को खाने-पीने की चीजों के सही स्रोत की जानकारी नहीं होती। ऐसे लोग यह भी नहीं जानते कि वे जो चीजें खा-पी रहे हैं, उनका उत्पादन कहां और किस तरह होता है? इस हालिया सर्वे से पहले 90 के दशक में कृषि विभाग ने भी एक शोध किया था। इस शोध में पाया गया कि 5 में से एक अमेरिकी नागरिक को यह नहीं पता कि वे जो हैमबर्गर खा रहे हैं, उसमें डाला जाने वाला मांस असल में गाय का मीट है।
खेती आदि को जानने का कभी मौका ही नहीं मिलता
शोधकर्ताओं का मानना है कि 90 के दशक में किए गए उस शोध और इस हालिया शोध के नतीजों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। इसका मतलब कि आज भी अमेरिका में बड़ी तादाद में ऐसे लोग हैं जिन्हें खाने, खेती और दुग्ध पदार्थों से जुड़ी बेहद बुनियादी और सतही चीजें भी नहीं पता हैं। एक NGO फूडकॉर्प्स के सह संस्थापक सिसली अपटोन ने कहा कि यह जानकारी से जुड़ा मसला है। अभी अमेरिका में लोगों को ऐसी आदत पड़ी हुई है कि वे सोचते हैं अगर खाना चाहिए, तो दुकान जाना होगा। हमारी शिक्षा व्यवस्था भी बच्चों को यह नहीं सिखाती कि वे जो खाते हैं, उसका स्रोत क्या है? विशेषज्ञों का मानना है कि जागरूकता की यह कमी इसलिए है कि लोग शहरों में रहने चले गए हैं और विकास के कारण उनके खाने-पीने की चीजों को दूर-दूर से मंगवाना मुमकिन हो गया है। ऐसे में कई लोगों को खेती और दुग्ध उत्पादन जैसे कामों के बारे में जानने का कभी मौका ही नहीं मिलता है।
यह जानकर हैरान रह जाते हैं कि फ्रेंच फ्राई आलू से बनता है
राष्ट्रीय पशुपालन संस्थान द्वारा प्रकाशित एक रिसर्च पेपर में बताया गया है, कि हमारी मौजूदा व्यवस्था में जो उपभोक्ता हैं, उनकी करीब 3 पीढ़ियां खेती से दूर हैं। उनको पता ही नहीं कि वे जो चीजें खा रहे हैं, वह कहां से आती है और उसे कैसे उगाया जाता है? इस रिसर्च पेपर में शोधकर्ता ने आगे बताया है कि हम अभी भी ऐसे बच्चों से मिलते हैं, जो यह जानकर हैरान रह जाते हैं कि फ्रेंच फ्राई आलू से बनता है। उन्हें नहीं पता होता कि वे जो अचार खा रहे हैं, वह खीरे का बना है। जानकारी ही ताकत है। इसके बिना लोग कैसे तय कर सकते हैं कि खाने-पीने की कौन सी चीजें अच्छी हैं और कौन सी बुरी हैं।