व्रत में पूरे परिवार के साथ लें इन लजीज़ व्यंजनों का मजा
नवरात्रि साल में दो बार आती है। एक चैत्र नवरात्रि, जो मार्च से अप्रैल के बीच आती है और दूसरी शरद नवरात्रि जो अक्टूबर से नवंबर के बीच आती है। नवरात्रि में व्रत रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है और नवरात्रि के इस व्रत में केवल फलाहार का सेवन किया जाता है। लेकिन 9 दिनों तक एक ही तरह का फलाहार खाना भी संभव नहीं है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं व्रत में खाए जाने वाले कुछ लजीज़ व्यंजनों को बनाने की विधि…
1. सिंघाड़े की नमकीन बर्फी
सामग्री
(16-18 बर्फी के लिए)
सिंघाड़े का आटा 3/4 कप
खट्टा दही 3/4 कप
हरी मिर्च 2-4
सेंधा नमक 3/4 छोटा चम्मच/ स्वादानुसार
घी/ तेल 1 बड़ा चम्मच
पानी लगभग 1 कप
नीबू का रस स्वादानुसार
बनाने की विधि
एक कड़ाही में आधा बड़ा चम्मच तेल गरम करें, उसमें सिंघाड़े का आटा डालें और मध्यम आंच पर आटे को सुनहरा होने तक भूनें। इस प्रक्रिया में 10-12 मिनट का समय लगता है। एक थाली या फिर ट्रे की तली को कुछ बूंदे घी की लगाकर चिकना करके अलग रखें। हरी मिर्च का डंठल हटा कर और उसे अच्छे से धो कर महीन-महीन काट लें। दही को अच्छे से फेटें। अब इसमें तकरीबन 1 कप पानी मिलाएं। एक कड़ाही में बचा हुआ तेल मध्यम आंच पर गरम करे। अब इसमें कटी हरी मिर्च डालें। कुछ सेकेंड्स भूनें और फिर दही का घोल डालें। एक उबाल आने दे। अब इसमें भुना आटा, और नमक डालें और सभी सामग्री को अच्छे से मिलाएं। अब इसे बराबर चलाते हुए पकाएं। आटे को पकने में 3-4 मिनट का समय लगता है। आटा सारा पानी सोख लेता है और यह हलवे के जैसे दिखने लगता है। अब आंच बंद कर दीजिए। अब इसमें नीबू का रस मिलाएं। अब मिश्रण को पहले से चिकनी की हुई थाली में आधा इंच मोटी परत में बराबर से फ़ैलाएं। आप घी लगाकर चिकने करे बेलन की मदद से भी इसे बराबर कर सकते हैं। थोड़ी देर के लिए ठंडा होने दें। इसमें तकरीबन 8-10 मिनट का समय लगता है। बरफी को मनचाहे आकर में काट लें। इस स्वादिष्ट सिंघाड़े की नमकीन बर्फी को आप फलाहारी चटनी या फिर दही के आलू के साथ परोस सकते हैं। सिंघाड़े की नमकीन बर्फी बनाने के लिए दही खट्टा होना चाहिए। आगे की स्लाइड में पढ़ें कुटू की सब्जी बनाने की विधि –