हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह के खिलाफ चल रहे आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले को रद्द करने की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए, इस अपील को खारिज कर दिया है। वीरभद्र सिंह व अन्य की ओर से दायर इस याचिका पर हाईकोर्ट के जस्टिस आर. के. गौबा के समक्ष मामले की सुनवाई हुई थी, जिस पर सोमवार को उन्होंने यह फैसला सुनाया है।
वीरभद्र की मुश्किलें फिर बढ़ने वाली है
आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में वीरभद्र और उनकी पत्नी के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने से हाईकोर्ट के इनकार के चंद घंटों के बाद ही CBI ने 31 मार्च को उनके खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था। हाईकोर्ट ने सिंह का ये दावा खारिज कर दिया था कि यह FIR सियासी बदले की भावना के चलते दर्ज कराई गई है। यह जांच एजेंसी CBI सिंह और उनके परिजनों पर 2009 से 2011 के बीच आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक धन इकट्ठा करने के आरोपों की जांच कर रही है। इस दौरान सिंह केंद्रीय इस्पात मंत्री थे। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय मंत्री के पद पर रहते हुए सिंह ने अपने और अपने परिजनों के नाम पर LIC की पॉलिसियों के माध्यम से भारी मात्रा में निवेश किया था। तो अब हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद वीरभद्र की मुश्किलें फिर बढ़ने वाली है।