अब केंद्रीय मंत्री और बड़े अफसर अपनी गाडिय़ों में लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। वीआईपी कल्चर को खत्म करते हुए लाल बत्ती के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय केबिनेट ने ये फैसला ले लिया है। एक मई को मजदूर दिवस के दिन ये फैसला लागू होगा। यह रोक केंद्रीय मंत्री और अफसरों पर लागू होगी। बता दें कि काफी समय से सड़क परिवहन मंत्रालय में इसे लेकर काम चल रहा था। हालांकि अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि राज्य सरकारों में भी ये नियम लागू होगा या नहीं।
इससे पहले पीएमओ ने इसके लिए एक बैठक भी बुलाई थी। यह मामला पीएम ऑफिस में करीब डेढ़ साल से लंबित था। रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने लाल बत्ती वाली गाडिय़ों के इस्तेमाल के मुद्दे पर कई मंत्रियों से चर्चा की है, जिसके बाद उन्होंने पीएमओ को कई विकल्प दिए। इन तीन विकल्पों में से एक ये है कि लाल बत्ती वाली गाडिय़ों का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद किया जाएगा। दूसरा विकल्प यह है कि संवैधानिक पदों पर बैठे पांच लोगों को ही इसके इस्तेमाल का अधिकार हो। इनमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पीएम, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और लोकसभा स्पीकर शामिल हैं।