बाजार से हम जो भी उत्पाद खरीदते हैं, वह किसी न किसी तरह की पैकिंग में होता है। फिर चाहे वह टॉफी या टीवी। भारत का यह बाजार दुनिया का चौथा सबसे बड़ा पैकेजिंग बाजार है। इस समय बाजार का बोलबाला है। इस तरह पैकेजिंग में करियर को तेजी से उभरता हुआ फील्ड माना जा सकता है। हर साल इस देश में पैकेजिंग इंडस्ट्री में 25 फीसदी की दर से बढ़ रही है। इस तरह से तकरीबन 50 हजार भर्तियां इस क्षेत्र में होंगी।
सैलरी
पैकेजिंग का कोर्स करने के बाद शुरूआती दौर में कंपनियां औसतन 3-4 लाख रू. का सालाना पैकेज ऑफर करती है। इसके बाद दूसरे सेक्टर्स की तरह काम के अनुभव के साथ पैसा बढ़ता जाता है। कोर्स करने के बाद कई अलग-अलग पोंजिशंस में जा सकते हैं। सबसे बेसिक जॉयनिंग पैकिंग एग्जिक्यूटिव लेवल पर होती है। इसके बाद सुपरवाइजर, मैनेजर, रिसर्च एण्ड डेवलपर, प्रॉक्योरमेंट ऑफिसर, टेक्नो कमर्शल और क्वालिटी कंट्रोल जैसे क्षेत्र में रिक्रूटमेंट करती हैं।
स्किल्स
पैकिंग में कई तरह के फीचर होते हैं, जो इसे मल्टीरोल की कैटेगरी में शामिल करता है। इसमें आकर्षक डिज़ाइन, आकार-प्रकार, प्रिजरवेशन तकनीक, उत्पाद की सुरक्षा, टारगेट ऑडियंस जैसे तमाम पहलुओं का ध्यान रखना होता है। इसके लिए साइंस और टेक्नॉलाजी की समझ होना बहुत होना जरूरी है। ज्यादातर कैंडिडेट इस विषय से सिलेक्ट किए जाते हैं। इसके अलावा डिजाइन की समझ होना एडवांटेज माना जाता है। खास कर डिजाइनिंग सॉफ्टवेयर की समझ।
कौन-सा विषय होना चाहिए
यह एक प्रकार से मल्टीडिसीप्लीनरी सब्जेक्ट है। इसमें कई तरह के पहलू शामिल हैं जैसे- इंजीनियरिंग, साइंस, टेक्नोलॉजी और आर्टिस्ट जैसे काबिलियतों की जरूरत होती है। कोर्स के समय पर यह सभी फील्ड्स की चीजें भी कैंडिडेट को पढ़ाई जाती है। पैकिंग किस तरह की होना चाहिए इसके लिए उत्पाद की जरूरतों की समझ होना जरूरी है। उत्पाद की समझ से तात्पर्य है प्रोडक्ट की शेल्फ लाइफ, ट्रांसपोर्ट सिस्टम, कितनी दूर पहुंचाना है, जैसे फैक्टर्स है जो तय करता है किस तरह की पैकिंग होनी चाहिए।
टॉप इंस्टीट्यूट
आईआईपी- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग
आवेदन की अंतिम तारिख 9 जून 2017
अधिक जानकारी के लिए विजिट करें-http://www.iip-in.com/packagingcourse/
पैकेजिंग के लिए कंपनीज
लार्सन एण्ड टुब्रो लिमिटेड
आईटीसी लिमिटेड
जॉनसन एण्ड जॉनसन
हिंदुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड
हिमालया ड्रग कंपनी लिमिटेड