अक्सर आपने लोगों को ये कहते सुना होगा कि दवा-दारू कैसे चल रही है। दरअसल, बीमार व्यक्ति से इसके बारे में पूछा जाता है, लेकिन मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के कुछ गांव के किसान फसलों और लोगों को बीमारी की ओर धकेल रहे हैं। उन्होंने दवा और दारू इन दोनों को वाकई साथ लाने का काम किया है। अब किसान मूंग दाल का उत्पादन बढ़ाने के लिए खेतों में दवाओं के साथ दारू भी मिला रहे हैं। वे खेतों में इसका छिड़काव कर रहे हैं।
कृषि विभाग के उपसंचालक जेएस गुर्जर ने बताया कि मूंग की फसल का उत्पदान ज्यादा लेने और पौधों की बढ़त के लिए जेबलिक एसिड दवा का छिड़काव किया जाता है। जानकारी के अनुसार सोमलबड़ा, खुर्द, घाटली, चादौन आदि गांवों में किसान इसमें शराब मिलाकर फसलों में छिड़काव कर रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो फसल में शराब का छिड़काव गलत है। इससे न केवल फसलों पर गलत असर पड़ता है, बल्कि आगे चलकर ये लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक हो सकती हैं। मूंग दाल प्रोटीन रिच डाइट होती है। ये जल्दी पच जाती है। वजन कम करने में ये फायदेमंद साबित होती है। वहीं शरीर में अगर फाइबर और आयरन की कमी पूरी करनी हो तो मूंग दाल बहुत फायदेमंद है। इतना ही नहीं ये ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल करती है। बता दें कि मार्च से जून तक मूंग दाल की अच्छी खेती होती है। ये किसान इसमें महुआ की कच्ची शराब मिलाकर सिंचाई कर रहे हैं। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।