आठ नवंबर की रात को पीएम मोदी ने देश को हिला दिया। पीएम मोदी ने एक ऐसा झटका दिया जिसके बारे में आम आदमी तो क्या दुनिया के दिग्गज दूरदर्शी लोगों ने भी सोचने से परहेज किया होगा। किसे पता था कि आठ नवंबर की रात को पीएम मोदी नोटबंदी जैसा बड़ा फैसला लेंगे, इस फैसले से पूरे देश की जनता में अफरा-तफरी मच गई।
इस फैसले को लेकर बीते दिनों देश की जनता बैंक के बाहर लाइन लगाकर खड़ी रही, अपने नोट बदलवाए और कुछ पैसे अपने अकाउंट में भी जमा किए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आम आदमी नोटबंदी से ज़्यादा परेशान नहीं है क्योंकि उसके पास इतना धन ही नहीं है बल्कि आम आदमी पीएम मोदी के इस कदम की सराहना कर रहा है।
आम आदमी के अलावा अगर बात नेताओं और राजनीतिक पार्टियों की करे तो मामला काफी गंभीर नज़र आता है। विपक्षी पार्टियों ने नोटबंदी के मामलें को लेकर काफी हंगामा किया। बीते दिनों विपक्षी पार्टियां इस मामले को लेकर काफी गुस्से और आक्रोश में नज़र आईं। इनके गुस्से का असर संसद की कार्यवाही में भी देखने को मिला।
इस मुद्दे को लेकर हर विपक्षी पार्टी के नेताओं ने अपने-अपने बयान दिए। जिसमें कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल सबसे आगे रहे। राहुल गांधी नोटबंदी के कारण परेशान जनता से उनका हाल-चाल जानने पहुंचे तो वहीं केजरीवाल भी पीएम मोदी पर बरसे। पीएम मोदी ने बिना किसी का नाम लिए अपनी सभाओं में सभी पर निशाना साधा और जवाब दिया।
पं. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी इस मामले को लेकर अपना बयान दिया था, उन्होंने कहा था कि ‘‘अगर आपको ब्लैकमनी के ख़िलाफ कार्यवाही करना ही है तो विदेशों में जमा पैसे लेकर आओ, वहां अमीरों का पैसा जमा है। घर-घर में शोर है। हर आदमी रो रहा है। लोगों को सब्ज़ी और खाने-पीने की चीज़ें नहीं मिलेगी तो क्या वे डायमंड और एटीएम खाएंगे।’’
दिल्ली के सीएम केजरीवाल भी नोटबंदी पर बोले कि ‘‘मोदीजी आप कालेधन के लिए घोटाले करा देंगे तो हम इसे खत्म करने के लिए अपनी जान की बाज़ी लगा देंगे। कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार के ख़िलाफ अनशन किया था। राबर्ट वाड्रा के कागज़ हमनें लोगों के सामने रखा अगर आप देशभक्ति की आड़ में घोटाला करेंगे तो हम भी देश के लिए जान की बाज़ी लगा देंगे।’’
इन सबके बीच ही देश में ‘भारत बंद’ की आग भी तूल पकड़ रही है। विपक्षी पार्टियां चाहती हैं कि 28 नवंबर को भारत बंद किया जाए। विपक्षी पार्टियों का कहना हैं कि ‘‘नोटबंदी के कारण आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। इसी के चलते 28 नवंबर को भारत बंद बुलाने का एलान किया है।’’
28 नवंबर को भारत बंद करने को लेकर विपक्ष एकजुट हुआ है। इस मुहिम में 14 पार्टियां शामिल हैं, जिसमें कांग्रेस, टीएमसी, जेडीयू, सीपीएम, सीपीआई, एनसीपी, बीएसपी और आरजेडी जेसे दल हैं करीब 200 सांसदों ने इस मामले को लेकर धरना भी दिया था इसी मुद्दे को लेकर विपक्ष ने 28 नवंबर को आक्रोश दिवस मनाने का एलान किया है।
इस मामले को लेकर केंद्र सरकार ने कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है केंद्र ने अपनी ओर से इस तरह का कोई एलान नहीं किया है। कुछ समाचार पत्रों में ये ख़बर भी दी गई है कि 28 नवंबर को ट्रक ड्राइवर्स नोटबंदी के कारण हड़ताल पर रहेंगे। वहीं कुछ विपक्षी पार्टियों का ये एलान है कि 28 नवंबर को भारत बंद किया जाए।
इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भी तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं जाहिर की जा रही है। भारत बंद की बात देशभर में आग की तरह फैल रही है। लेकिन आपको बता दें कि सरकार ने अभी इसकी कोई पुष्टि नहीं की है।