एलबीनिज्म से ग्रसित लोगों को हमेशा ही अलग नज़रों से देखा जाता है। कई बार तो लोग इनका मज़ाक उड़ाने से भी नहीं चूकते। केवल इसलिए क्योंकि ये लोग सामान्य लोगों से कुछ अलग दिखाई देते हैं। भारत में तो ऐसे लोगों को ज्यादातर अंग्रेज कह कर चिढ़ाया जाता है। इसी तरह विदेशों में भी एलबीनिज्म से ग्रसित लोगों का मजाक उड़ाया जाता है। इंसान ही नहीं जानवर भी एलबीनिज्म से ग्रसित होते हैं लेकिन एलबीनिज्म से ग्रसित इंसान और जानवर में फर्क यहीं होता है कि जानवर के रंग-रूप का दूसरे जानवरों द्वारा मज़ाक नहीं उड़ाया जाता।
ऐसे लोगों की खूबसूरती को दुनिया के सामने लाने के लिए इजराइल की फोटोग्राफर और ग्राफिक डिजाइनर यूलिया टेट्स ने एक फोटो सीरीज बनाई है। इस फोटो सीरीज में यूलिया ने एलबीनिज्म से ग्रसित लोगों की कई फोटोज़ क्लिक की हैं। इन सब फोटो में एक बात कॉमन है और वो ये है कि सभी एलबीनिज्म से ग्रसित लोगों ने फोटो में व्हाइट कलर के आउटफिट ही पहने हैं। इस फोटो सीरीज के जरिए यूलिया दुनिया को ये बताना चाहती हैं कि सफेद सिर्फ एक रंग नहीं है बल्कि ये वो रंग है जिसमें कई रंग बसते हैं।
क्या है एलबीनिज्म
एलबीनिज्म को हिंदी में रंजकहीनता कहा जाता है। वह व्यक्ति एलबीनिज्म का शिकार होता है जिसकी त्वचा सामान्य से कुछ ज्यादा सफेद, जन्म से बालों में सफेदी और आंखे हल्की गुलाबी रंग की हों। ये बीमारी वंशानुगत होती है। आमतौर पर एलबीनिज्म से ग्रसित लोगों की नजर कमजोर होती है। फ्रीक्वेंसी ऑफ एलबीनिज्म की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 1 लाख लोगों में से 5 लोगों को बीमारी होती है लेकिन साउथ नाइजीरिया के लोगों में ये बीमारी ज्यादा देखी जाती है। साउथ नाइजीरिया में 1 लाख लोगों में से करीब 20 लोग इस बीमारी से ग्रसित पाए गए।
सभी फोटो इजराइल फोटोग्राफर और ग्राफिक डिजाइनर यूलिया टेट्स की ऑफिशियल वेबसाइट से लिए गए हैं।