रूस ने दावा किया है कि वह सिर्फ एक बम से पूरी की पूरी अमेरिकी नेवी का सफाया कर सकता है। सरकार नियंत्रित मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ‘इलेक्ट्रॉनिक बम’ की तकनीक से लड़ाकू विमानों, युद्धपोतो और मिसाइलों को बेकार किया जा सकता है। न्यूजरीडर की रिपोर्ट में लिखा है, ‘आज हमारे रशियन इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के जवान किसी भी हथियार की पहचान कर सकते हैं और युद्धपोत, रेडार या सैटेलाइट जैसे किसी भी तरह के टारगेट को खत्म कर सकते हैं।’
रेडार स्क्रीन्स पर अदृश्य होने में रूस सक्षम
न्यूज रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि कई साल पहले ब्लैक सी में इकलौता रूसी लड़ाकू विमान अमेरिकी विध्वंसक USS डॉनल्ड कुक के ऊपर कई बार उड़ा था और उसके सिस्टम को बेकार करके उसे असहाय कर दिया था। रिपोर्ट यह भी दावा करती है कि रूस अपने बेस के ऊपर इलेक्ट्रॉनिक जैमर लगाने में सक्षम है, जिससे वह रेडार स्क्रीन्स पर अदृश्य हो जाएगा।
अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को लकवाग्रस्त कर सकता है रूस
इतना ही नहीं इस प्रॉपेगैंडा रिपोर्ट में अमेरिकी जनरल फ्रैंक गोरेंक के हवाले से यहाँ तक कहा गया है कि ‘रूसी इलेक्ट्रॉनिक हथियार मिसाइलों, लड़ाकू विमानों और युद्धपोतों पर लगे अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के कामकाज को पूरी तरह से लकवाग्रस्त कर सकता है।’ रिपोर्टर ने यह भी लिखा है कि रूस के ताकतवर रेडियो इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग सिस्टम को भेदना मुश्किल है।
कोरियन पेनिनसुला में डिटेक्टिव जहाज भेजने की भी अटकलें
खास बात यह है कि यह खबर तब आई है कि जब अमेरिकी प्रेसिडेंट डॉनल्ड ट्रंप ने न्यूक्लियर रिएक्टर से चलने वाले USS कार्ल विंसन को कोरियाई प्रायद्वीप के लिए रवाना किया है। USS कार्ल विंसन पर करीब 100 एयरक्राफ्ट, एक क्रूजर और एक पनडुब्बी जैसे विध्वंसक तैनात हैं। इसके अलावा अमेरिका अगले हफ्ते जापान सागर में USS रोनाल्ड रीगन और USS निमित्ज की तैनाती की तैयारी कर रहा है। दूसरी तरफ ऐसी भी अटकलें हैं कि क्षेत्र में बढ़ते तनाव के मद्देनजर चीन के साथ मिलकर रूस ने कोरियाई प्रायद्वीप में एक जासूसी जहाज भेजा है।