भारत में इंटरनेट की पहुंच तेजी से बढ़ रही है। पूरा देश डिजिटल होता जा रहा है। कई रिपोर्ट में भी साबित हुआ है कि भारत अब पहले से काफी ज़्यादा डिजिटल हो गया है। आंकड़ों की मानें तो दुनिया में सबसे ज़्यादा मोबाइल कनेक्शन खरीदने वालों की लिस्ट में भारत दूसरे नंबर पर है लेकिन हाल ही में एक कॉन्ट्रोवर्सियल बयान आया है जिसके कारण सोशल मीडिया पर खूब बवाल हो रहा है।
फेसबुक और इंस्टाग्राम के बारे में तो आप जानते ही होंगे। इसी तरह का एक और फोटो शेयरिंग एप है ‘स्नैपचैट’ जिसके सीईओ ने भारत को एक गरीब देश बताया है। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि भारत एक गरीब देश है और वे यहां अपनी कंपनी के कारोबार को बढ़ाने के बारे में नहीं सोचते। बस उनके इसी बयान के कारण लोग सोशल मीडिया पर ढेर सारी भड़ास निकाल रहे हैं।
स्नैपचैट के सीईओ इवान स्पीगल का कहना है कि वो भारत को अपने कारोबार के लिए बड़ा बाजार नहीं मानते हैं, इसलिए वो भारत या स्पेन जैसे गरीब देशों में अपने कारोबार को बढ़ाने के बारे में नहीं सोचते हैं। रिपोर्ट की मानें तो भारत में स्नैपचैट के करीब 40 लाख से ज़्यादा यूजर्स हैं।
ये बात तब सामने आई जब एंथोनी पांप्लिआना नाम के कर्मचारी ने लॉस एंजिल्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में स्नैपचैट के खिलाफ मुकदमा दायर किया। एंथोनी का कहना है कि स्पीगल ने 2015 में स्नैपचैट की ग्रोथ बढ़ा चढ़ा कर पेश की थी.एंथनी ने आरोप लगाया है कि 2015 में स्नैपचैट का आईपीओ आने से पहले कंपनी की ग्रोथ के बारे में कई गलत जानकारियां दी गई थी. आईपीओ के लेकर हुई बैठक में ही स्पीगल ने भारत और स्पेन को गरीब देश बताया था।
दरअसल उस बैठक में एंथनी ने जब भारत में इंटरनेट की तेज पहुंच पर भी ऐप की स्लो ग्रोथ पर सवाल किया तो इवान ने उन्हें रोकते हुए कहा कि यह ऐप सिर्फ अमीर लोगों के लिए है, भारत जैसे गरीब देश के लिए नहीं। बाद में एंथोनी को असंतुष्ट कर्मचारी कह कर कंपनी से निकाल दिया गया। इवान के इस स्टेटमेंट का पता लगते ही लोगों में रोष आ गया और ट्विटर पर बॉयकॉट स्नैपचैट ट्रेंड चल गया। लोग अब स्नैपचैट को अनइंस्टॉल कर रहे हैं। साथ ही ट्विटर पर अलग-अलग तरीकों से इवान की बात का जवाब दे रहे हैं।