2. जंक्शन
आपने देखा होगा कि कई बड़े रेल्वे स्टेशन को या किसी शहर के रेल्वे स्टेशन को जंक्शन कहते हैं। कुछ लोगों का ऐसा भी सोचना है कि जो शहर होते हैं या जहां आबादी ज़्यादा होती है वो रेल्वे स्टेशन जंक्शन कहलाते हैं, तो आपको बता दें कि ऐसा कुछ नहीं है।
किसी भी रेल्वे स्टेशन को जंक्शन कहलाने के लिए जरूरी है कि वहां दो या दो से ज़्यादा रूट हो। यानि इस स्टेशन पर दो या दो से ज़्यादा अलग-अलग रेल्वे रूट होना चाहिए जो अलग-अलग जगह को कनेक्ट करें। ये अलग-अलग शहर या जगह के रूट को कनेक्ट करते हैं इसलिए ये जंक्शन कहलाते हैं।
भारत में अलग-अलग तरह के जंक्शन हैं जो रूट पर आधारित है। भारत में सात रूट वाला स्टेशन है मथुरा। इसके अलावा छः रूट वाले जंक्शन भटिंडा, रेवाड़ी, पांच रूट वाले जंक्शन बरेली, ग्वालियर, कटनी, लखनऊ, चार रूट वाले जंक्शन अकोला, रतलाम, इटारसी, हिसार, हाथरस है। तीन रूट वाले जंक्शन बिलासपुर, बोकारो, हुबली, नागपुर, सतना इंदौर आदि हैं। पूरी स्टोरी पढ़ने के लिए Next Page पर क्लिक करें।