बिना रेप सीन के तो 80 और 90 के दशक की फिल्म बनती ही नही थी | उस वक़्त की फिल्मों की शरुआत विलेन के रेप करने वाले रोल से होती थी | जिसका बदला फिल्म का हीरो लेता था, फिर वह मिथुन की हो या अजय देवगन की हो |लेकिन आज हम बात कर रहे हैं फिल्म इंसाफ का तराजू की। इस फिल्म में राज बब्बर को जीनत अमान का रेप करना था, लेकिन वह इस सीन से पहले काफी नर्वस थे।
इसके पीछे की वजह बिल्कुल साफ थी कि, राज बब्बर उन दिनों इंडस्ट्री में नए-नए आए थे और वह बॉलीवुड में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहे थे। वहीं दूसरी तरफ जीनत अमान उस दौर की काफी पॉपुलर एक्ट्रेस थी। बीआर चोपड़ा की इस फिल्म में जीनत अमान के साथ ये सीन शूट करते समय राज बब्बर पसीना-पसीना हो गए थे। जीनत काफी समय से फिल्मों में काम कर रही थी। जिससे वह इस बात को समझ गई थी कि, राज बब्बर इस सीन को करने से पहले घबराए हुए है | इस वजह से उन्होंने सीन शूट करने से पहले काफी दफा उनके साथ रिहर्सल किया।
एक इंटरव्यू में राज बब्बर ने कहा कि, नेगेटिव रोल होने की वजह से इंसाफ का तराजू में मेरा रोल करने को कोई तैयार नहीं था। ऐसे रोल से ऐक्टर की इमेज खराब होती है। लेकिन जब चोपड़ा साहब ने कहा कि, यह रोल आपको करना है तो मेरी खुशी का ठिकाना ही न रहा। मैं थिएटर का आदमी हूं, थिएटर में हम लोग वह रोल करते थे जो सेन्ट्रल रोल होता है। साथ ही उन्होंने बताया कि, जीनत अमान ने मेरे ऊपर विश्वास जताया | जिससे मुझे अपने ऊपर थोड़ा विश्वास आया और मैंने इस सीन को शूट किया, लेकिन इस सीन की वजह से बाद में राज बब्बर को माँ की फटकार भी लगी |