Thursday, August 31st, 2017
Flash

दार्जिलिंग में स्ट्राइक के चलते स्कूलों को बंद करने का मिला आदेश




Social

students1-21-1498041236

दार्जिलिंग में इन दिनों आम लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहां के हालात बद से बदतर हो रहे हैं। दार्जिलिंग बंद के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने पश्चिम बंगाल का बंटबारा करके अलग खोरखलैंड राज्य की मांग के लिए अनिश्चित कालीन हड़ताल कर दी है। इसके लिए उन्होंने दार्जिलिंग के सभी स्कूलों को 23 जून को खाली करने का आदेश दिया है, जिसके लिए उन्हें 12 घंटे की छूट दी गई है।

TOPSHOT-INDIA-POLITICS-STRIKE-GORKHALANDजीजेएम अध्यक्ष विनय तमांग ने बताया कि छात्रों को सिलीगुड़ी और रोंगपो के छात्रों को केवल स्कूल बसों में जाने की इजाजत दी जाएगी। केवल छात्रों को सुरक्षित रूप से जाने की इजाजत दी जाएगी। 128 साल पुराना सेंट जोसफ स्कूल को दार्जिलिंग से सिलीगुड़ी शिफ्ट किया जा रहा है। आपको बता दें कि दार्जिलिंग देश के सबसे पुराने और बेहतरीन बोर्डिंग स्कूलों के लिए जाना जाता है।

Untitled1 new

स्कूल के एक छात्र थट्टे ने कहा कि हम अंदर कैंपस में सुरक्षित है। पहले जहां हमें एक दिन में एक ही परीक्षा देनी पड़ती थी, वहीं अब स्ट्राइक के चलते हम एक दिन में दो परीक्षाएं देनी पड़ रही हैं। सेंट जोसफ स्कूल के प्रिंसिपल शाजुमान सीके ने कहा कि छात्रों को परिसर में रखने का एक ही मतलब है कि हमें उन्हें अपने कब्जे में रखना होगा। इस बीच गोरखा जनमुक्ति मोर्चा समर्थकों ने गोरखालैंड की मांग के लिए दीवारों पर पोस्टर लगाना शुरू कर दिए हैं।

Untitled3 new

नहीं ले पा रहे एडमिशन-

बंद के कारण 12वीं पास किए हुए छात्र कहीं बाहर जाकर एडमिशन नहीं ले पा रहे हैं। एक छात्र ने बताया कि मैंने वेस्ट बंगाल ज्वाइंट एग्जाम पास किया है। हड़ताल के कारण मैं बाहर नहीं जा सकता। यहां तक की नेट सेवा बंद होने के कारण ऑनालाइन आवेदन भी नहीं कर सकता। कोलकाता और सिलीगुड़ी जाने के लिए बसें भी नहीं मिलती। ऐसे में वहां प्रवेश के लिए आवेदन करना बहुत मुश्किल हो रहा है। एक बैठक में जेजीएम ने गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन पर हुए त्रिपक्षीय समझौते से अलग होने का फैसला किया है।

dgh

जानिए क्या है पूरा मुद्दा-

दरअसल, पश्चिम बंगाल के पास पहाड़ी इलाके में रह रहे लोगों का मानना है कि उन्हें बंगाली बोलने पर मजबूर न किया जाए। वे पूरी तरह वहां का कल्चर भी नहीं अपानाना चाहते। वे चाहते हैं कि उन्हें खुद की अलग पहचान मिले, इसलिए वे गोरखालैंड को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं। जीजेएम अमर सिंह का कहना है कि हम अपनी खुद की पहचान के लिए खुद की मातृभूमि चाहते हैं। हालांकि हम अच्छे भारतीय नागरिक  हंै, लेकिन हमें आज भी नेपाली ही कहा जाता है। इस कलंक से छुटकारा पाने के लिए हमें लगता है कि हमारे पास अपना अलग राज्य हो।

Sponsored



Follow Us

Yop Polls

तीन तलाक से सबसे ज़्यादा फायदा किसको?

Young Blogger

Dont miss

Loading…

Subscribe

यूथ से जुड़ी इंट्रेस्टिंग ख़बरें पाने के लिए सब्सक्राइब करें

Subscribe

Categories