Thursday, August 31st, 2017
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स्टार्ट अप: दो सक्सेस स्टोरी, पांच मंत्र




Business

हर बड़े काम की शुरुआत एक छोटे विचार, छोटे प्रयास से होती है. देश में शिक्षा महंगी है, डॉक्टर या इंजीनियर बनना सबके बस में नहीं है लेकिन अगर आपके पास एक ऐसा नया विचार है जो दूसरों के पास नहीं है तो पैसा, शोहरत, सफलता सब भागते हुए आपके पास आएंगे. आइये जानते हैं देश के दो सबसे सफल स्टार्ट अप बिजनेस की प्रेरक कहानी. और किसी स्टार्ट अप को सफल बनाने के लिये जरूरी पांच मंत्र

फ्लिपकार्ट 

flip

 

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि देश की लीडिंग ई कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट की शुरुआत वर्ष 2007 में केवल 4 लाख रुपये से हुई थी। आईआईटी दिल्ली से पढ़े फ्लिपकार्ट के संस्थापकों सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने समय रहते भांप लिया था कि टेक्रॉलजी पर निर्भर होती इस दुनिया में लोगों के पास अगर किसी चीज की कमी होने वाली है तो वह है वक्त. बस उन्होंने एक ऐसी वेबसाइट की कल्पना कर डाली जिस पर जाकर लोग अपनी जरूरत का हर सामान खरीद सकें.

अक्टूबर 2007 में बेंगलूर में उन्होंने कंपनी को फ्लिपकाट ऑनलाइन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से रजिस्टर किया और केवल किताबें बेचनी शुरू कीं. सचिन बंसल याद करते हैं कि कैसे कंपनी की स्थापना करते समय लोगों ने उनको बेवकूफ और पागल कहा था. लेकिन बहुत जल्दी ही उन्होंने कंपनी का विस्तार कर इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं, फैशन और लाइफ स्टाइल प्रॉडक्ट बेचने शुरू कर दिये.

कंपनी की सफलता के बाद निवेशक खुद आगे आये. वर्ष 2009 में कंपनी ने वेंचर कैपिटल फंड एक्सेल इंडिया से 10 लाख अमेरिकी डॉलर का निवेश हासिल किया. उसके बाद 2010 और 2011 में उसने अलग अलग जगह से क्रमश. एक करोड़ और दो करोड़ डॉलर का फंड हासिल किया. उसके बाद एक अरब डॉलर का निवेश हासिल कर कंपनी ने तो इतिहास ही रच दिया. न्यूयॉर्क की कंपनी टाइगर ग्लोबल उसकी सबसे बड़ी निवेशक है. कंपनी ने फ्लिपकार्ट में कुल मिलाकर करीब 3 अरब डॉलर का निवेश किया है.

उसके बाद तो कंपनी ने कभी पीछे मुड़कर देखा ही नहीं. उसने साल दर साल वी रीड, माइम360, चकपक, लेट्सबाई और मिंत्रा जैसी कंपनियों का अधिग्रहण किया.

एक सवाल यह भी है कि ई कॉमर्स के क्षेत्र में तमाम कंपनियां होने के बावजूद फ्लिपकार्ट को ही इतनी कामयाबी क्यों मिली? यह थी कंपनी की सेवाओं की गुणवत्ता. बाकी ई कॉमर्स कंपनियों और स्टार्ट अप को इससे सबक लेना चाहिये. उनकी उत्कृष्टï सेवाओं ने उनको सब पर बढ़त दिला दी.

 

हाउसिंग डॉट कॉम

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पिछले साल दिसंबर में उस समय सबका ध्यान अचानक हाउसिंग डॉट कॉम पर गया जब उसे जापान के सॉफ्टबैंक से 430 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली. 1500 करोड़ से अधिक मूल्य वाले इस स्टार्ट अप की शुरुआत कुछ युवाओं ने की थी जिनको अपने लिये किराये का घर ढूंढने में मुश्किल आ रही थी.

इस स्टार्ट अप की शुरुआत 12 दोस्तों ने की थी जिनको मुंबई में घर खोजना भगवान के मिलने से भी मुश्किल लग रहा था. तंग आकर उनके मन में ख्याल आया कि एक ऐसी वेबसाइट शुरू की जाये जो लोगों को घर दिलाने और उसका वर्चुअल टूर कराने का काम करे. यह आइडिया हिट होना ही था. हालांकि इसकी शुरुआत पैसे कमाने के इरादे से नहीं की गई थी लेकिन वेंचर के सफल होने पर पैसे आने लगे.

को-फाउंडर राहुल यादव के बाहर जाने से कंपनी को बड़ा झटका लगा लेकिन वह संभल गयी. आज कंपनी की साइट पर देश के 45 शहरों में चार लाख से अधिक प्रमाणित प्रॉपर्टी की सूची है. हाउसिंग डॉट कॉम आज भी सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली साइट में से एक है.

इन दो सफल स्टार्ट अप के उदाहरण के बाद देखते हैं वे पांच वजहें जिनके कारण कोई भी स्टार्ट अप सफल होता है:

1. टाइमिंग: किसी भी अन्य बिजनेस की तरह स्टार्ट अप में भी टाइमिंग की बहुत अहमियत है. आपको सही समय पर सही कदम उठाना होता है. अगर आपके मन में आने वाला विचार पहले ही किसी और के मन में आ चुका है तो वह आपके किसी काम का नहीं. इसलिय सोचिये…लगातार सोचिये.

2. बजट: आपके पास अपने बजट की स्पष्टï तस्वीर होनी चाहिये. यानी आपको पता होना चाहिये कि आपके पास कितना पैसा है और आप उसे कैसे खर्च करने जा रहे हैं. अगर आपके पास बहुत बड़ी योजना है लेकिन उसे पूरा करने के लिये पैसे नहीं हैं तो सब बेकार.

3. अनुशासन: इसका संबंध केवल पैसे से नहीं है. बल्कि आत्म नियंत्रण से है. स्टार्ट चलाते वक्त अपने आगे के लक्ष्य समय रहते तय करें. अपने काम पर अडिग रहें. कोई भ कारोबार एक दिन में डेवलप नहीं होता उसमें वक्त लगता है. इसलिये मानक तय करें और अनुशासन के साथ उनको हासिल करने का प्रयास करें.

4. नेटवर्क: किसी भी नये उद्यम में आपकी सोशल नेटवर्किंग की बहुत अधिक आवश्यकता होती है. उसकी सफलता इस बात पर बहुत हद तक निर्भर करती है कि आप अपने काम के रास्ते में आने वाले लोगों को कितनी अच्छी तरह जानते हैं और उनसे किस तरह के रिश्ते रखते हैं. एक बढिय़ा संबंध आपकी कई दिन की मेहनत बचा सकता है. वह आपको रेगुलेटरी छूट दिला सकता है. आपकी फंडिंग आसान बना सकता है.

5. फंडिंग: विचार तो किसी के भी मन में आ सकता है लेकिन उस विचार को एक सफल कारोबार में बदलने के लिए फंडिंग की आवश्यकता होती है. फंड आपको तभी मिल सकता है जब आप इन्वेस्टर को यह समझा सकें कि वह आपके उद्यम में पैसे लगाये क्योंकि वह सफल होने वाला है.

सफल स्टार्ट अप हमें हौसला देते हैं नये प्रयास करने का और ये पांच मंत्र हमें बताते हैं कि कैसे एक विचार को सफल स्टार्ट अप में बदलने की दिशा में आप आगे बढ़ सकते हैं.

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