अरब में वैसे तो पैसे वालों की कमी नहीं है। वहां हर किसी का तेल का कुआ है और दुनिया में तेल की काफी डिमांड है। देखा जाए तो वहां पर दुनिया के कई अमीर लोग बसते हैं। शानो-शौकत से रहते हैं लेकिन कानून नाम की भी कोई चीज़ होती है जिसके हाथ इतने लंबे होते हैं कि कोई अमीर इंसान क्या राजकुमारी भी नहीं बच सकती।
बेल्जियम की एक कोर्ट ने संयुक्त अरब अमीरात की आठ राजकुमारियों को मानव तस्करी का दोषी पाया है। इन पर अपने नौकरों के साथ अमानवीय व्यहवहार करने का आरोप था। अदालत ने इन राजकुमारियों को 15 महीने की सज़ा दी है और हरेक पर 185000 डॉलर का जुर्माना लगाया है।
इन राजकुमारियों पर 20 नौकरानियों को गुलामों जैसे रखने के आरोप थे। ये नौकरानियां 2008 में उनके साथ ब्रसेल्स की यात्रा पर गई थीं। हालांकि कोर्ट ने अमानवीय व्यवहार के गंभीर से उन्हें बरी कर दिया। राजकुमारियों ने इन आरोपों से इनकार किया है। बचाव पक्ष के वकील स्टीफेन मोनोड ने कहा कि उनके मुवक्किलों ने आगे अपील करने का फैसला नहीं किया है। फैसले के वक्त शेख हामदा अल नाहयान और उनकी सातों बेटियां कोर्ट में मौजूद नहीं थे।
ये था नौकरों का हाल
इस मामले का पता तब चला जब एक नौकरानी होटल से भाग निकली। उसके अनुसार राजकुमारियों ने होटल में एक पूरा लक्ज़री फ्लोर किराए पर ले रखा था। नौकरानियों का कहना था कि उनसे 24 घंटे काम कराया जाता था और उन्हें फर्श पर सोना पड़ता था। उन्हें कोई साप्ताहिक छुट्टी भी नहीं मिलती थी।
उनके अनुसार, उन्हें होटल से बाहर जाने की इजाज़त नहीं थी और राजकुमारियों से बचा हुआ खाने को मजबूर किया जाता था. इस मामले को हल होने में 9 साल लग गए। इस मामले की पैरवी करने करने वाले बेल्जियन मानवाधिकार समूह मारिया ने एक बयान जारी कर इस फैसले को मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम बताया है।