Saturday, August 26th, 2017
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रेलवे की हालत दुरूस्त करने वाले अश्विनी लोहानी, सांसदों को भी पसीने छुटा चुके हैं




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लगातार हो रहे हादसे के बाद रेलवे चैयरमेन के एके मित्तल के इस्तीफे देने के बाद अश्विनी लोहानी को अध्यक्ष बनाया गया। अश्विनी ने कर्मचारियों को संगठन बताते हुए कहा कि वे साथ मिलकर ‘वाआईपी संस्कृति’ को बदलेंगे और भारतीय रेलवे में ‘काम की संस्कृति’ लाएंगे। कर्मचारी हमारी ताकत हैं हमें उनके साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। इससे रेलवे को ज्यादा प्रभावी बनाया जा सकेगा। साथ ही कार्य संस्कृति सुधारने और जमीनी स्तर पर कर्मचारियों से कम्यूनिकेशन की जरूरत है।

लोहानी ने तमाम मुद्दों पर बात करते हुए कहा, ‘कि काम में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’ लोहानी ने यह भी कहा कि, ‘किसी भी वरिष्ठ अधिकारी के स्टेशन का निरक्षण करने आने पर पूरी ऑफिस को उस काम में लगने की जरूरत नहीं है। और खासतौर पर गुलदस्ता जैसे तामझाम पर खर्च में कटौती बताई है।’

संसदों के पसीने छुड़ा देते हैं अश्विनी लोहानी
लोहानी यूपी के कानपुर से हैं, उनका रेलवे से पुराना नाता रहा है। लेकिन वो बात बाद में उनका सबसे तगड़ा इंट्रो है बतौर चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, एयर इंडिया, इस पद पर रहते हुए ही उनकी तारीफ देशभर में पहुंची।

हुआ ये था कि महाराष्ट्र की उस्मानाबाद सीट से शिवसेना के सांसद रवींद्र गायकवाड़ 23 मार्च, 2017 को दिल्ली आ रहे थे, एयर इंडिया की फ्लाइट से सीट मिलने की बात पर उनकी एयर इंडिया के स्टाफ से कहा-सुनी हुई, गायकवाड़ ने शिवसैनिक वाला ताव दिखा कर 60 साल के कर्मचारी को थप्पड़ मार दिया फिर एयर इंडिया ने सांसद महोदय पर बैन लगा दिया। एयर इंडिया ने बैन लगाया तो बाकी एयरलाइन्स ने भी भाईचारा दिखाते हुए बैन लगा दिया। गायकवाड़ जी ने लाख कोशिश की पर कई दिनों तक बैन नहीं हटा खबरें आईं कि गायकवाड़ फ्लाइट का टिकट कराते और टिकट कैंसल कर दिया जाता। हार कर गायकवाड़ को एक बहरूपिया लेकर ट्रेन से आना-जाना करना पड़ा।

लोहानी के करियर में गायकवाड़ वाला मामला पहला नहीं था, जब बतौर सरकारी अफसर उनका विश्वरूप किसी नेता ने देखा था। 2015 में कांग्रेसी सांसद मिथुन रेड्डी के तिरुपति एयरपोर्ट पर स्टेशन मैनेजर को थप्पड़ मारने के मामले में भी अश्विनी लोहानी ने आवाज़ उठाई थी।

लिम्का बुक में दर्ज है इनका नाम
अश्विनी लोहानी रेल मंत्रालय से ही एयर इंडिया में गए थे। अब वह एक बार फिर पुराने मंत्रालय में लौट आए हैं। लोहानी के चीफ रहते 2007 में इंडियन एयरलाइंस के विलय के बाद पहली बार एयर इंडिया ने 2015-16 में मुनाफा कमाया। लोहानी मध्य प्रदेश के पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक रह चुके हैं। 2008 में उनके नेतृत्व में मध्य प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य बना।

टूरिस्टों की सुविधा और म्यूजियम मैनेजमेंट में आईटी के बेहतरीन इस्तेमाल के लिए तब लोहानी की काफी तारीफ हुई थी। वह इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ इंजीनियर्स ;आईआरएसएमई के वर्ष 1980 बैच के अधिकारी हैं। लोहानी मिस्टर टर्नअराउंड के नाम से जाने जाते हैं। उनके पास इंजिनियरिंग की चार डिग्रियां हैं, जिसके लिए उनका नाम लिम्का बुक रिकॉर्ड्स में दर्ज है।

लोहानी दिल्ली में जब डिविजनल रेलवे मैनेजर थे तब रेलवे अकेला सरकारी विभाग था जिसकी कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान इन्फ्रास्ट्रक्चर संबंधी काम की कैग ने तारीफ की थी। उन्होंने सीमित संसाधनों के बूते दिल्ली के तीन अहम रेलवे स्टेशनों नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली और हजरत निजामुद्दीन में व्यापक सुधार कार्य किए।

 

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