Wednesday, September 6th, 2017 23:12:27
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ये है देश की पहली बेटी जो बॉर्डर पर करेगी आतंक का खात्मा




ये है देश की पहली बेटी जो बॉर्डर पर करेगी आतंक का खात्माSocial

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जिस तरह जिंदगी के हर पड़ाव को पार करते हुए हमारें देश की महिलायें अपना और अपने देश का नाम रोशन कर रही है और साथ ही हर क्षेत्र में पुरुष वर्चस्व  को चुनौती भी दे रही है | वैसे ही  पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाके बाड़मेर में ड्यूटी पर तैनात तनुश्री पारीक बतातीं है कि, उन्होंने 40 साल के बीएसएफ  के इतिहास में पहली महिला असिस्टेंट कमांडेंट बनने का गौरव हासिल किया है ।

वैसे आपको बता दें कि, राजस्थान में  भारत-पाक  सीमा पर देश की रख वाली करने वाली  बीएसएफ की पहली महिला असिस्टैंट कमांडेंट  तनुश्री पारीक  उन्हीं महिलाओं में से एक हैं। तनुश्री बतातीं है कि, उन्होंने 2014 की यूपीएससी की असिस्टैंट कमांडेंट की परीक्षा पास की थी। साथ ही वह 2014 बैच की बीएसएफ अधिकारी भी रही है | इसके बाद उन्होंने टेकनपुर स्थित सीमा सुरक्षा बल अकादमी में आयोजित पासिंग आउट परेड में देश की पहली महिला अधिकारी (असिस्टेंट कमांडेंट) के रूप में हिस्सा लिया और 67 अधिकारियों के दीक्षांत समारोह में परेड का नेतृत्व भी किया। इसके लिए उन्हें सम्मानित किया गया। टेकनपुर के बाद तनुश्री ने बीएसएफ एकेडेमी के 40वें बैच में 52 हफ्तों की ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद तनुश्री को पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनाती मिली।

तनुश्री जहाँ ड्यूटी कर रही है, कभी वहाँ पिता नौकरी किया करते थे

तनुश्री कहती है कि, उन्होंने नौकरी के लिए नहीं “पैशन” के लिए बीएसएफ को चुना है, क्योंकि उन्हें बचपन से ही सेना में जाने की लगन थी। वें बतातीं है कि, जिस  बाड़मेर में आज वह ड्यूटी कर रही हैं कभी उनके पिता वहां नौकरी करते थे। जब बीकानेर में बॉर्डर फिल्म की शूटिंग हो रही थी तो वह स्कूल जाया करती थीं। उसी फिल्म से उन्हें सेना में जाने की प्रेरणा मिली। वह स्कूल और कॉलेज में एनसीसी कैडेट भी रहीं हैं और उन्हें बेहद गर्व है कि वे देश की पहली महिला कॉम्बैट ऑफिसर हैं । तनुश्री के अनुसार :-

मेरा फोर्स में जाना तभी मायने रखेगा, जब दूसरी लड़कियां भी फोर्स ज्वाइन करना शुरू करेंगी। उन्होंने कहा कि, लड़कियां सूरज से बचने के लिए सनस्क्रीन लगाना छोड़ें और  धूप में तपकर खुद को साबित करें।

तनुश्री इस वक़्त पंजाब फ्रंटियर में तैनात हैं। साथ ही कैमल सफारी के जरिए बीएसएफ एवं वायुसेना के महिला जवानों के साथ नारी सशक्तिकरण एवं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ  का संदेश भी दे रही हैं |  कैमल सफारी 1368 किमी का सफर तय कर 49 दिन बाद यानी 2 अक्टूबर को  वाघा बॉर्डर  पहुंचेगी। कैमल सफारी में तनुश्री के साथ एयरफोर्स की लेडी ऑफिसर अयुष्का तोमस भी हैं। उन्हें लगता है कि, यदि ‘माता – पिता’ अपनी बेटियों को पढाने के साथ – साथ काबिल भी बना देंगे तो उन्हें जीवन में किसी पर निर्भर नही रहना पड़ेगा |

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