वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि राजनीतिक चंदे को लेकर कानून बनाने की तैयारी चल रही है और यदि इस पर आम सहमति नहीं बनेगी तो सरकार कानून बनाएगी। जेटली ने आयकर कानून के 157 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर यहां आयोजित आयकर दिवस समारोह, 2017 में कहा कि कालेधन के विरुद्ध जारी अभियान के तहत पिछले वर्ष कई उपाय किए गए। अब राजनीतिक चंदे की बारी है और इसके लिए आम सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। लेकिन, यदि ऐसा नहीं होगा तो सरकार अपने स्तर पर कानून बनाएगी।
फर्जी कंपनियों का सहारा लिया जा रहा है
उन्होंने कहा कि कतिपय संस्थानों तथा लोगों द्वारा टैक्स के नियमों का पालन नहीं करने के लिए स्टैंडर्ड प्रक्रिया अपना रहे हैं और इसके लिए फर्जी कंपनियों का सहारा लिया जा रहा है। अब इसमें राजनेता भी शामिल हो गये हैं। गोपनीयता के नाम पर टैक्स के नियमों का अनुपालन नहीं करने का बहाना नहीं चलेगा। कर चुकाना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। कर-दाता आधार बढ़ाने, भ्रष्टाचार मिटाने और ईमानदार करदाताओं को पुरस्कृत करने के लिए कई उपाय किए गए हैं।
टैक्स चुकाना राष्ट्रभक्ति
जेटली ने आगे कहा कि ज्यादा से ज्यादा टेक्नोलॉजी का उपयोग कर ईमानदार करदाता अपने घर से ही सभी प्रक्रियायें पूरी कर सके और जो लोग कर नियमाें का पालन नहीं कर रहे हैं उन पर शिंकजा कसा जा सके, ऐसे प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि अब लोगों की सोच में भी बदलाव आ रहा है और अधिकांश लोगों का मानना है कि किसी को छूट क्यों दी जाए। टैक्स राष्ट्रीय हित में लगाया जाता है, जिसमें रक्षा से लेकर विकास तक के लिए धनराशि की जरूरत होती है। टैक्स चुकाना राष्ट्रभक्ति है।
157 वर्ष पूर्व लागू हुआ था आयकर, तब 3% था
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेज गति बढ़ रही अर्थव्यवस्था है अौर ग्रामीण क्षेत्र, सड़क सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए धनराशि की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आयकर इस देश के लिए कभी लोकप्रिय विषय नहीं रहा है, लेकिन अब लोगों की सोच बदलने लगी है। आज ही के दिन 157 वर्ष पूर्व देश में पहली बार आयकर काननू लागू हुआ था और उसी दिन से यह विभाग काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि 157 वर्ष पूर्व 3% आयकर लगाया गया था और उस समय 30 लाख रु. की वसूली हुई थी। चालू वित्त वर्ष में इसके बढ़कर 10 लाख करोड़ रु. के आसपास पहुंचने का अनुमान है।
इस मौके पर जेटली ने आयकर विभाग के अधिकारियों को सम्मानित किया अौर विभाग पर जारी एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। इस दौरान वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार, राजस्व सचिव हसमुख अधिया और केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष सुशील चंद्रा भी मौजूद थे।