Saturday, September 2nd, 2017 15:14:20
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12th के स्टूडेंट को मिली Google में जॉब, सैलरी 12 लाख रु. महीना




12th के स्टूडेंट को मिली Google में जॉब, सैलरी 12 लाख रु. महीनाEducation & CareerWorld

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चंडीगढ़ के एक सरकारी स्कूल के एक एवरेज स्टूडेंट को अब ”Google” में नौकरी करने का गौरव प्राप्त होने जा रहा है, और तो और उसकी हर महीने की तनख्वाह 12 लाख रु. होगी। जी हाँ, यकीन मानिये हम बात कर रहे हैं चंडीगढ़ के सरकारी मॉडल सीनियर सेकेंड्री स्कूल से IT स्ट्रीम से 12th करने वाले हर्षित शर्मा की।

गूगल में ट्रेनिंग के लिए कैलिफोर्निया जाएगा हर्षित

हर्षित अपनी इस कामयाबी से काफी खुश है लेकिन उन्हें अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि उनके जैसे एक एवरेज स्टूडेंट को ”गूगल” जैसी अपनी फिल्ड की सर्वश्रेष्ठ कंपनी में नौकरी मिल चुकी है। हर्षित 7 अगस्त को गूगल में ट्रेनिंग के लिए कैलिफोर्निया जाएगा। फिलहाल शुरुआती एक साल के लिए हर्षित को ट्रेनिंग पर रखा जाएगा और उसके लिए उसे हर महीना 4 लाख रु. सैलरी दी जाएगी। ट्रेनिंग खत्म होने के बाद हर्षित को हर महीने 12 लाख रु. सैलरी मिलेगी। गूगल द्वारा हर्षित को ग्राफिक डिज़ाइनर के तौर पर नियुक्त किया गया है।

हर्षित की सक्सेस स्टोरी उसी की जुबानी

हर्षित ने मीडिया को बताया कि मैं बता नहीं सकता कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूं? मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे मेरा सपना पूरा हो गया है। मेरी मेहनत रंग लाई है। चंडीगढ़ न्यूज़लाइन से अपनी इस कामयाबी की बात करते हुए हर्षित ने कहा कि जब वह 10 साल का था तब से ही उसका झुकाव ग्राफिक डिज़ाइनिंग सीखने की तरफ हो गया था। इसके बाद उसने निर्णय किया कि वह ”गूगल” में नौकरी करेगा और तब से ही उसने अपने सपने को सच करने के लिए मेहनत करना शुरु कर दिया। हर्षित गुप्त रूप से अपने एक अंकल से ग्राफिक डिज़ाइनिंग की ट्रेनिंग लेने लगा। हर्षित ने आगे कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे गूगल द्वारा चुना जाएगा। मैंने अपने अंकल रोहित शर्मा से ग्राफिक डिज़ाइनिंग सीखना शुरु किया था। धीरे-धीरे यह मेरा जुनून बन गया और फिर मैं गूगल में नौकरी पाने का सपना देखने लगा।

पूरा श्रेय अपने अंकल को दिया हर्षित ने

हर्षित ने इतनी कम उम्र में अपनी इस बहुत बड़ी उपलब्धि का पूरा श्रेय अपने अंकल को देते हुए बताया कि आज मुझे जो भी कुछ मिला है वो केवल मेरे अंकल की वजह से मिला है, क्योंकि मैंने कभी भी ग्राफिक डिज़ाइनिंग सीखने के लिए किसी इंस्टीट्यूट में दाखिला नहीं लिया, जो कुछ भी सीखा अपने अंकल से सीखा है। वहीं हर्षित के गूगल में जाने से खुश उसके स्कूल के प्रिंसीपल इंद्र बेनीवाल ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं और मुझे अपनी स्कूल के स्टूडेंट हर्षित पर काफी गर्व है।

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