भारत में अगर आपको कहीं जाने के लिए ड्राइव करने या पैदल चलने को कहा जाए, तो आप क्या ऑप्शन चुनेंगे , जाहिर है ड्राइव करके जाने का ऑप्शन। लेेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करना आपके आलसीपन को दर्शा रहा है। आपके इस आलस की वजह से आज भारत दुनिया का सबसे आलसी देशों में शामिल हो गया है।
खैर, 46 देशों में हुए एक सर्वे के अनुसार भारत दुनिया के सबसे आलसी देशों में से एक है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा की गई रिसर्च से ये पता चला है कि एक शख्स दिन में 4961 कदम रोजाना चलता है। हर दिन सबसे ज्यादा चलने वाले लोगों में हांग-कांग के लोग है। हांग-कांग में औसत एक आदमी हर दिन कम से कम 6880 कदम चलता है। दूसरी तरफ इंडोनेशिया 3513 कदम के साथ लिस्ट में सबसे नीचे है।
अमरीकी वैज्ञानिकों ने स्मार्टफ़ोन इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के डेटा को जुटाया है जिससे यह पता लगाया जा सके कि हम कितने सक्रिय हैं. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की 6.8 करोड़ दिन के बराबर मिनट दर मिनट की गई स्टडी में पता चला कि एक शख़्स औसतन 4961 क़दम रोजाना चलता है. हालांकि इस स्टडी में कछ ऐसी बातें भी सामने आई हैं, जिनसे मोटापा कम करने में बहुत मदद मिलती है।
ज़्यादातर स्मार्टफ़ोन में एक्सेलेरोमीटर की सुविधा मौजूद है जिससे यूजर के क़दम गिने जा सकते हैं। रिसर्च टीम ने करीब 7 लाख लोगों के डेटा इकट्ठा किए जो अर्गस एक्टिविटी मॉनिटरिंग ऐप का इस्तेमाल करते थे.रिचर्स टीम में शामिल बायो-इंजीनियरिंग के प्रोफ़ेसर स्कॉट डेल्प ने कहा, ”यह स्टडी मानव विकास पर किए गए किसी भी रिसर्च के मुकाबले 1000 गुना बड़ी है। ” अब तक कई हेल्थ सर्वे हुए हैं, लेकिन इस नई स्टडी में ज़्यादा देशों से डेटा जुटाया गया है। इसमें न सिर्फ़ लोगों की गतिविधियों पर नज़र रखी गई बल्कि उनके व्यवहार और दूसरे विषयों को भी परखा गया।
यह स्टडी ”नेचर” जर्नल में प्रकाशित की गई और इसके लेखकों ने माना कि इसके रिजल्ट से लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने की दिशा में काफ़ी मदद मिलेगी। कई देशों में मोटापे के पीछे लोगों की एक्टिविटी में असमानता भी वजह रही है। एक्टिविटी में असमानता, आर्थिक असमानता की तरह है. एक्टिविटी में जितनी ज़्यादा असमानता, उतना ज़्यादा मोटापा. रिसर्च टीम के एक सदस्य टिम अल्थॉफ ने कहा, ”उदाहरण के तौर पर, स्वीडन में एक्टिविटी में ज्यादा हिस्सा लेने वाले और कम महत्व देने वालों के बीच का अंतर काफी कम है। यहां मोटापे का स्तर भी कम है। ”
एक्टिविटी का बड़ा अंतर महिला और पुरूषों के बीच
अमेरिका और मेक्सिको दोनों देशों में औसतन एक बराबर कदम दर्ज किए गए, लेकिन अमेरिका में एक्टिविटी में काफ़ी अंतर और मोटापे के ज़्यादा मामले देखने को मिले। रिसर्च टीम को यह जानकर हैरानी हुई कि एक्टिविटी में बड़ा अंतर महिलाओं और पुरुषों के बीच है। जापान जैसे देशों में मोटापा और असमानता काफी कम है। यहां महिला और पुरुष एक साथ एक्सरसाइज करते हैं. लेकिन अमरीका और सऊदी अरब जैसे देशों में एक्सरसाइज में भारी अंतर देखने को मिला है। यहां महिलाएं फिटनेस के मामले में कम समय देती हैं।
रिसर्च टीम का हिस्सा रहे ज्यूरे लेस्कोवेक ने कहा, ”जब भी एक्टिविटी में असमानता बढ़ती है, महिलाओं की एक्टिविटी का स्तर पुरुषों के मुकाबले काफ़ी गिरा है। इसका असर महिलाओं में मोटापे के तौर पर ज़्यादा देखने को मिला है। ‘ कई देशों में लोग पैदल चलने को लेकर काफ़ी आदी हैं, लेकिन कुछ जगहों में बिल्कुल भी नहीं। जैसे न्यूयॉर्क और सेन फ्रांसिस्को में लोग ज़्यादा पैदल चलने में भरोसा करते हैं, लेकिन हॉस्टन और मेंफिस जैसे शहरों में लोग छोटी-छोटी दूरी के लिए भी कार का इस्तेमाल करते हैं।
रिसर्च टीम का मानना है कि इस स्टडी से आने वाले समय में शहरों को डिजाइन करने में भी मदद मिलेगी, जिससे शारीरिक एक्टिविटी को बढ़ावा दिया जा सकेगा।