नितिन गडकरी ने लोकसभा में आवाज उठाते हुए कहा कि देश के 100 पुल ढहने की कगार पर हैं और इन पर तुरंत ध्यान दिए जाने की जरूरत है। अभी तक करीब देश के 16 लाख पुलों का सेफ्टी ऑडिट पूरा कर लिया है। इनमें 100 पुल ऐसे हैंए जो कभी भी ढह सकते हैं। इस दौरान गडकरी ने महाराष्ट्र में पिछले साल हुए एक हादसे का भी जिक्र कियाए जिसमें कोंकण इलाके में सावित्री नदी पर बना ब्रिटिशकालीन पुल ढह गया था। इसमें कुछ सरकारी बसें और प्राइवेट वाहन भी बह गई थीं।
गडकरी ने दिया स्पेशल प्रोजेक्ट का ब्योरा
-गडकरी ने सदन में बताया कि मिनिस्ट्री ने पिछले साल एक स्पेशल प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। जिसके जरिए देशभर के पुलों और पुलिया के बारे में जानकारी इकट्ठा की गई। सरकार ने ये कदम हादसे रोकने के लिए उठाया।
-रोड प्रोजेक्ट्स में हो रही देरी पर गडकरी ने कहाए ष्इसके पीछे वजह भूमि अधिग्रहणए अतिक्रमण और इन्वॉरमेंट क्लीयरेंस हैं। 3.85 लाख करोड़ के रोड प्रोजेक्ट्स कई कारणों के चलते लेट हुए। इनमें से ज्यादातर को सुलझा लिया है और काम भी शुरू हो गया है।
7.5 करोड़ रुपए की घूस देने की जांच होगी
– गडकरी ने कहा, ‘नेशलन हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एन एच ए आई) के अधिकारियों को एक अमेरिकन फर्म की ओर से 1.18 मिलियन डॉलर यानी करीब 7.5 करोड़ रुपए की घूस दिए जाने के मामले की सरकार जांच शुरू कर रही है। मीडिया में सामने आया था कि स्मिथ और ब्क्ड इंडिया में काम करने वाले लोगों और एजेंट्स ने हाईवे कंस्ट्रक्शन सुपरविजन एंड डिजाइन कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए सरकारी अफसरों को ये घूस दी थी।’
-मीडिया की ये रिपोर्ट यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की क्रिमिनल डिवीजन की ओर से 21 जून 2017 को भेजे गए लेटर के आधार पर थी। ये लेटर डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर भी मौजूद है।
ये कदम उठाएं नितिन गडकरी ने
. गडकरी ने कहा, ‘जिस फर्म का नाम लिया जा रहा हैए उसे और उससे जुड़े लोगों को दिए गए कंस्लटेंसी असाइनमेंट की लिस्ट बनाई गई है। मिनिस्ट्री ने इस मामले को एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्ट्री और अमेरिका में इंडियन एम्बेसीको भी भेजा है, ताकि यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस से वो कागजात हासिल किए जा सकें, जो उन्होंने जांच के दौरान जुटाए थे।’
‘सेंट्रल विजिलेंस कमीशन ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई है। इसमें तीन अफसर शामिल हैं, जो जांच के बाद रिपोर्ट कमीशन को सौंपेंगे।’
आखिर क्या है मामला?
-यूएस डिपार्टमेंट के लेटर में कहा गया, ‘करीब 2011 से 2015 के बीच स्मिथ की डिवीजंस ने इंडिया में ऑपरेशन किए। इंडिया ने अवैध तरीके से के अधिकारियों को घूस दी ताकि कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया जा सके। घूस कॉन्ट्रैक्ट प्राइज का करीब 2.4प्रतिशत थी और इसे फर्जी सब कॉन्ट्रैक्टर्स के जरिए दिया गया, जिन्होंने कोई भी काम नहीं किया। इस पेमेंट ने पूरी तरह अधिकारियों को फायदा पहुंचाया।’