गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई 48 मौतों के बाद प्रशासन सतर्क हुआ है। घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। शनिवार सुबह जहां अस्पताल के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई, वहीं ऑक्सीजन सिलेंडर भी पहुंच चुके हैं। इस बीच अस्पताल की तरफ से आई एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है, कि पिछले 5 दिनों में अस्पताल में 60 मौतें हो चुकी हैं।
हालांकि प्रशासन इस बात से इन्कार कर रहा है कि यह मौतें ऑक्सीजन की कमी से हुई हैं। मीडिया में आई मेडिकल कॉलेज के NHM वार्ड नं 100 के नोडल अधिकारी की रिपोर्ट में बताया गया है, कि 7 अगस्त को अस्पताल में 9 लोगों की मौत हुई, जिसके बाद 8 तारीख को 12, 9 तारीख को 9, 10 तारीख को 23 और 11 तारीख को 7 मरीजों की मौत हो गई। दावा है कि 11 तारीख को चिकित्सकीय कारणों से 7 मरीजों की मौत हुई है।
मौतों पर नेताओं को मिला मुद्दा
उधर इस मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा है, कि गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार है, मामले में कठोर कार्रवाई हो। वहीं राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि इस घटना के लिए BJP सरकार जिम्मेदार है और लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई हो।
राजनीति ना हो – स्वास्थ्य मंत्री, यूपी
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि है कि मामले में जांच के बाद कार्रवाई होगी, यह गंभीर मामला है लेकिन इस पर राजनीति नहीं की जाना चाहिए। बता दें कि बाबा राघव दास मेडिकल कालेज के बाल रोग व मेडिसिन के वार्डों में कंपनी द्वारा ऑक्सीजन सप्लाई रोक दिए जाने से 48 घंटे में 48 मरीजों की मौत हो गई। मरने वालों में बाल रोग वार्ड के 30 मासूम बच्चों के अलावा मेडिसिन के वार्ड नंबर 14 में भर्ती 18 मरीज भी शामिल हैं।
पांच सदस्यीय जाँच समिति बनाई गई
DM राजीव रौतेला ने बताया कि अपर आयुक्त प्रशासन के नेतृत्व में ADM सिटी, एडी हेल्थ, CMO और सिटी मजिस्ट्रेट की पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति के सदस्यों से लिक्विड ऑक्सीजन की कमी होने के कारणों और सिलेंडर ऑक्सीजन की उपलब्धता की जांच को कहा गया है। समिति से शनिवार दोपहर 12 बजे तक रिपोर्ट मांगी गई है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह सच है कि मेडिकल कालेज में लिक्विड ऑक्सीजन खत्म हो गया था, लेकिन 175 सिलेंडर ऑक्सीजन की उपलब्धता थी। किसी की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं हुई है। कंपनी का 70 लाख रु. बकाया था, आज 22 लाख रुपए उनके खाते में भेज दिया गया है। बाल रोग विभाग में रोजाना 8-10 मौतें होती हैं। परसों तक लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति हो जाएगी, ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि आगे से ऐसा न हो।