आपने संगीतकार तो बहुत देखे होंगे , लेकिन क्या अभिषेक प्रसाद जैसे संगीतकार को देखा है। दरअसल, ये संगीतकार एक ऐसी स्थिति से पीडि़त हैं, जो सुनने में काफी अजीब है। डॉक्टरों ने उनकी इस स्थिति को म्यूजिशियन डिस्टोनिया नाम दिया गया है। उन्हें इस स्थिति से निजात दिलाने के लिए डॉक्टर्स ने उनके दिमाग में सर्किट जलाना शुरू किया और समस्या कहां है, इस स्थिति का पता लगाने के लिए उन्हें डॉक्टरों ने गिटार खेलने के लिए कहा।
डिस्टोनिया एक ऐसी बीमारी है, जिसमें उन्हें गिटार बजाने से उंगलियां कठोर हो जाती थीं। श्री प्रसाद ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि अब सर्जरी के बाद वे आसानी से गिटार बजा सकते हैं। प्रसाद एक साल से ज्यादा से अपने बाएं हाथ का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाते थे। डिस्टोनिया दर्दनाक आंतों का एक कारण बनता है । इसका पता लगाने के लिए काफी लंबा समय लगा। जिसके लिए उन्हें ब्रेन सर्जरी से गुजरना पड़ा।
दिलचस्प बात तो ये है कि प्रसाद सर्जरी के वक्त जाग रहे थे, लेकिन लोकल एनेस्थिशिया के कारण उन्हें दर्द महसूस नहीं हुआ। वे सर्जरी की हर प्रोसेस को याद करते हुए बताते हैं कि एमआरआई स्कैन के लिए उनके सिर पर चाकू और स्कू्र लगाए गए थे। स्कैन से ये स्पष्ट रूप से मालूम चला कि दिमाग के अंदर सर्किट को सही करने के लिए इलेक्ट्रोड कितना गहरा डाला जा सकता है।
जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मूवमेंट डिसऑर्डर एंड स्टिरोटैक्टिक न्यूरोसर्जरी में स्टीयरोटैक्टिक और फंक्शनल न्यूरोसर्जन डॉ.श्रीनिवासन ने कहा कि उन्होंने 14 मिमि छेद बनाया और सिर में एक विशेष इलेक्ट्रोड डाला गया और टारगेट एरिया 8 से 9 सेंटीमीटर गहरा था। वो पूरी तरह से जाग रहा था , लेकिन रिजल्ट काफी अच्छा रहा, क्योंकि उनकी उंगलियों ने अच्छे से काम करना शुरू कर दिया था। हालांकि प्रसाद अभी भी अपने बाएं हाथ और पैर में थोड़ी कमजोरी महसूस कर रहे हैं, पर लगभग एक महीने के अंदर वे फिर से गिटार बजाना शुरू कर देंगे।