सिक्किम के डोकलाम एरिया में जारी भारत-चीन विवाद को लेकर चीन के सरकारी मीडिया ने एक बार फिर भारत को धमकी दी है। उसने यह कहा है कि डोकलाम मसला चीन-भूटान बॉर्डर विवाद है। इसमें थर्ड पार्टी के तौर पर भारत को दखल देने का क्या हक है? भारत द्वारा दिए तर्क के मुताबिक ”उसे डोकलाम में बने रहने का हक है”, इस पर चीनी मीडिया ने अपनी चेतावनी देते हुए कहा कि ये बहुत खतरनाक होगा क्योंकि अगर कश्मीर मसले पर पाकिस्तान ने अपील की तो चीन की आर्मी वहां के विवादित एरिया में घुस सकती है, जिसमें भारत के अधिकार वाला कश्मीर भी शामिल है। बता दें कि डोकलाम विवाद पर हल निकालने की कोशिशें जारी हैं। भारत के NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) अजीत डोभाल बीजिंग में ही हैं। गुरुवार को उन्होंने चीन के NSA यांग जिआची से मुलाकात की। डोभाल शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मिलेंगे।
भारत पर बेवजह दखल देने का आरोप
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने गुरुवार को अपने एक आर्टिकल में भारत को उक्त धमकी दी है। झांग यी के इस आर्टिकल में कहा गया है कि भूटान की ओर से भारत से कोई मदद नहीं मांगी गई थी, लेकिन भारत फिर भी इस मुद्दे में अपना अड़ंगा लगा रहा है। अखबार ने लिखा है कि भूटान सरकार की तरफ से जारी 29 जून के बयान में भारत सरकार से मदद मांगने का कोई जिक्र नहीं था। डिप्लोमैटिक सूत्रों के मुताबिक भूटान सरकार को तो भारत की घुसपैठ के बारे में भी नहीं मालूम था।
बिना शर्त सेना की वापसी नहीं करेगा भारत
डोकलाम में 42 दिन से भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं। ये इलाका एक ट्राई जंक्शन (तीन देशों की सीमाएं मिलने वाली जगह) है। चीन यहां सड़क बनाना चाहता है, पर भारत-भूटान इसका विरोध कर रहे हैं। भारत ने डोकलाम से अपनी सेनाएं बिना शर्त वापस बुलाने की चीन की मांग ठुकरा दी है। चीन के सरकारी न्यूज पेपर पीपुल्स डेली के एक रिपोर्टर के सवाल पर इंडियन फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन गोपाल बागले ने ये जवाब दिया है। बागले ने कहा कि हमने डोकलाम मसले पर अपना नजरिया और रास्ता खोजने के तरीके को चीन के सामने साफ कर दिया है। बागले ने ये भी कहा कि सीमा के मसले को निपटाने के लिए दोनों देशों के बीच पहले से एक सिस्टम बना हुआ है और मौजूदा विवाद को लेकर भी हमें उसी दिशा में आगे बढ़ना होगा। इंटरनेशनल कम्युनिटी ने इस बात का सपोर्ट किया है कि इस मुद्दे का हल बातचीत से होना चाहिए। हमने इंटरनेशनल लेवल पर अपने नजरिए को साफ कर दिया है।
भारत बॉर्डर से अपनी फौज हटाए, तभी इस मुद्दे पर बातचीत मुमकिन
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने कहा था कि सिक्किम इलाके में मौजूद डोकलाम पर कोई समझौता नहीं होगा। भारत बॉर्डर से अपनी फौज हटाए, तभी इस मुद्दे पर बातचीत मुमकिन है। दरअसल, चीन के साथ तनातनी खत्म करने के लिए इंडियन फॉरेन मिनिस्ट्री ने डिप्लोमैटिक चैनल इस्तेमाल करने की बात कही थी। चीनी मीडिया ने उसी के जवाब में ये कहा।
चीन के NSA से डोभाल की मीटिंग को डोकलाम विवाद के हल से जोड़ कर देखा जा रहा है
भारत के NSA डोभाल ने गुरुवार को चीन के NSA यांग जिआची से बात की। ब्रिक्स देशों के NSA की मीटिंग्स के बीच दोनों अलग से मिले और बाइलैटरल रिश्तों पर बात की। इस बातचीत को डोकलाम विवाद के समाधान से जोड़ा जा रहा है। डोभाल और जिआची भारत-चीन बार्डर मैकेनिज्म के स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव हैं।
ब्रिक्स फोरम बनाना चाहिए
डोभाल ने शुक्रवार को BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका) देशों से कहा कि वे क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मसलों खासकर आतंकवाद से निपटने में एकजुटता दिखाएं। उन्होंने कहा कि हमें सुरक्षा से जुड़े मसलों पर चर्चा के लिए एक ब्रिक्स फोरम बनाना चाहिए जिसका वैश्विक शांति और स्थिरता पर असर पड़ेगा।