देश को सुरक्षित रखने के लिए आर्मी के जवान दिन रात बॉर्डर पर दुश्मनों से लड़ते हैं। लेकिन हमारी इंडियन आर्मी में एक जवान ऐसा भी था। जिसे भूले से भी नहीं भूलाया जा सकता। भारत माँ के इस लाल की कहानी ऐसी है कि आपके रोंगटे खड़े हो जाएं। आर्मी का ये जवान हमेशा देश के लिए मरने को तैयार रहता था। इसने अपनी मौत भी देश के नाम लिख दी और देश के लिए लड़ते-लड़ते ही अपनी जान दे दी। हम बात कर रहे है। कैप्टन विक्रम बत्रा की जिन्होनें पाकिस्तान के बड़े-बड़े आर्मी अफसरों को रूला दिया था। पाकिस्तान की नाक में दम कर दिया था।
पूरा देश हो गया था दीवाना
एक समय ऐसा था जब पूरा देश कैप्टन विक्रम बत्रा का दीवाना हो गया था। किसी से हार ना मानने वाला ये जवान जब पाकिस्तान के जवानों से लड़ता था तो उनके पसीने छूट जाते थे। आर्मी में कैप्टन विक्रम को ‘शेरशाह’ के नाम से बुलाते थे। क्योंकि शेर की दहाड़ वाला ये जवान दुश्मनों से कभी हार नहीं मानता था। कारगिल की जंग में दुर्लभ क्षेत्र में बसी 5140 चोटी को पाक सेना से आजाद करवाने का जिम्मा उन्हीं का था। 20 जून 1999 की सुबह 3 बजे उन्होनें इस चोटी को अपने कब्जें में ले लिया और रेडियो पर अपनी जीत का नारा दिया ‘ये दिल मांगे मोर’ जिसके कारण पूरा देश उनका दीवाना हो गया। उनका नाम सेना में ही नहीं बल्कि पूरे देश में छा गया।